किसानों की कर्ज माफी CM शिवराज को 'भीख' लगती है!
देश के प्रमुख राज्यों में बीजेपी शासित सरकार है। पर ये सरकार किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर एक नहीं है। सोमवार को राजस्थान में सीएम वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार का बजट पेश किया जिसमें किसानों का 50 हजार रुपए तक का कर्ज और ब्याज पर ओवरड्यू माफ कर दिया गया है। अब इससे बाकी राज्यों पर दबाव बन रहा है कि वह भी किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कुछ कारगर कदम उठाएं।
CM शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया
राजस्थान सरकार के एलान के बाद पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से सीएम शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया आई। सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल में एक किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे जिसमें उन्होंने कर्ज माफी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि किसानों को भीख नहीं उचित दाम चाहिए।
किसानों की माफी से 2600 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक तिहाई किसान डिफॉल्टर हैं। सीएम ने ऋण समाधान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि, किसानों का बकाया ब्याज सरकार की तरफ से भरा जाएगा। इसके लिए किसानों को दो किश्तों में मूलधन जमा करना होगा। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि कर्ज का आधा पैसा चुकाने के बाद किसान 0% ब्याज दर पर 15 हजार रुपए का लोन ले सकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऋण समाधान योजना से राज्य सरकार पर 2600 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आ जाएगा।
राजस्थान में किसानों की कर्जमाफी का एलान
आपको बता दें कि राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने राज्य का बजट पेश करते हुए लघु एवं सीमांत किसानों का 50 हजार रुपए तक का कर्ज और ब्याज ओवरड्यू माफ किए जाने का एलान किया है। इससे राज्य सरकार पर 8 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। ये घोषणा सितंबर 2017 तक लिए गए कर्ज तक लागू होगी।
UP की योगी सरकार भी कर चुकी है कर्जमाफी का एलान
वहीं उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने अपने पहले बजट में ही किसानों की कर्ज माफी का एलान कर दिया था। इसमें योगी सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों का 1 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। किसानों की कर्ज माफी से उत्तरप्रदेश सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा।
क्या कहती है RBI की रिपोर्ट
RBI की एग्रीकल्चर लोन बुक अकाउंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2015-16 में सबसे ज्यादा कृषि ऋण लेने वाले किसान उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु से हैं। बैंकों द्वारा कुल 8.94 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। इसमें से 50 फीसदी लोन यूपी, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब और आंध्रप्रदेश के किसानों द्वारा लिया गया है।
किसानों पर औसतन 2 लाख रुपए का कर्ज
आंकड़ो के मुताबिक इसमें से 40% के आस-पास लोन छोटे और सीमांत किसानों पर है। इन किसानों पर औसतन 2 लाख रुपए तक की राशि बकाया है। हालांकि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद छोटे और सीमांत किसानों का 1 लाख रुपए तक का ऋण माफ कर दिया गया है।
ये हैं आंकड़े
- प्रदेश लोन
- तमिलनाडु 11.4%
- उत्तरप्रदेश 11.3%
- महाराष्ट्र 9.0%
- पंजाब 8.7%
- आंध्रप्रदेश 8.5%
- राज्य कृषि ऋण माफी
- उत्तर प्रदेश 36,000 करोड़ रुपए
- महाराष्ट्र 34,000 करोड़ रुपए
- पंजाब 10 हजार करोड़ रुपए
- कर्नाटक 8 हजार करोड़ रुपए
किन राज्यों में किसानों का कर्ज हुआ माफ
उत्तर प्रदेश में किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने लोन माफी की घोषणा की है। इसके बाद पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने भी लोन माफी का एलान किया था।
कर्ज माफी के बाद भी किसानों की स्थिति खराब
इस माफी के बाद भी किसानों की स्थिति खराब है। लोन माफी की राशि सही तरह से किसानों के खातों में नहीं पहुंच रही है जिससे उन्हें परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। ऐसे में ये राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वह किसानों को उनके ऋण की माफी सही ढंग से उनके खातों में उपलब्ध कराएं।