लोकलुभावन नहीं होगा अपकमिंग बजट बोले PM मोदी
बजट 2018 को लेकर पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी राय दी। अंग्रेजी टीवी चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत के दौरान पीएम बोले के इस बार का बजट लोकलुभावन नहीं होगा। सरकार सुधारों के अपने एजेंडे पर ही चलेगी। मोदी ने कहा कि इन्हीं सुधारों की वजह से आज भारतीय अर्थव्यवस्था पांच प्रमुख कमजोर इकोनॉमीज की कैटेगरी से निकलकर दुनिया का आकर्षक डेस्टिनेशन बन चुकी है।
फ्री की चीजें नहीं चाहते लोग
पीएम मोदी से जब यह पूछा गया कि आम बजट 2018 में क्या सरकार लोकलुभावन घोषणा करने से बचेगी। तो इस पर उन्होंने जबाव दिया कि हमें यह तय करना है कि देश आगे बढ़ और मजूबूत बने, यह मात्र एक धारणा है कि लोग फ्री की चीजें और छूट चाहते हैं। आम आदमी ईमानदार सरकार चाहती है आम जनता फ्री या छूट वाली चीजें नहीं चाहती है।
बजट में नहीं करना चाहते हस्तक्षेप
मोदी ने कहा कि बजट बनाना वित्त मंत्री का काम है। वह इस काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हैं। उनकी सरकार जीएसटी में संशोधन के सुझाव पर अमल के लिए तैयार है ताकि इसे अधिक कारगर प्रणाली बनाया जा सके और इसकी कमियां दूर हो सकें।
बेरोजगारी को लेकर फैलाई जा रही अफवाह
इसी मौके पर बेरोजगारी पर पीएम मोदी ने बोलते हुए कहा कि रोजगार को लेकर झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उनकी सरकार रोजगार पैदा करने में हमेशा आगे रही है। उन्होंने कहा कि संगठित क्षेत्र 10 प्रतिशत रोजगार देता है और शेष 90 प्रतिशत रोजगार असंगठित क्षेत्र से आता है। पिछले एक साल में 18 से 25 साल की आयु के युवाओं के 70 लाख नए रिटायरमेंट फंड या ईपीएफ खाते खोले गए हैं।
दुनिया जानना चाहती है भारत को
स्विटजरलैण्ड के दावोस में होने वाली विश्व आर्थिक मंच की शिखर बैठक के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने का अवसर पाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री का सम्मान पाने के बारे में उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया है इसलिए यह स्वाभिक है कि दुनिया भी भारत के बारे में जानना चाहती है और यह जानकारी भारत से सीधे प्राप्त करना चाहती है उसे समझना चाहती है।