अब 20 लाख तक की ग्रेच्युटी होगी टैक्स फ्री!
संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को जल्द ही एक अच्छी खबर मिलने वाली है। दरअसल, आगामी बजट सत्र में पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी अमेंडमेंट ऐक्ट 2017 को पारित किया जा सकता है। इसके बाद कर्मचारियों के लिए ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट की सीमा 20 लाख रुपये हो जाएगी।
फिलहाल संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के 5 साल या उससे ज्यादा की सर्विस पर 10 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी टैक्स छूट के दायरे में आती है। यह सुविधा उन्हें नौकरी छोड़ने या पेंशन के समय मिलती है।
अगले सत्र में पास हो सकता है बिल
इस बिल के तहत सरकार को केंद्रीय कानून के तहत मातृत्व अवकाश की अवधि और ग्रैच्युटी को नोटिफाइ करने की अनुमति मिल सकेगी। यह बिल 18 दिसंबर 2017 को लोकसभा में लेबर मिनिस्टर संतोष कुमार गंगवार ने पेश किया था। मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 को फैक्टरीज, माइन्स, ऑइलफील्ड्स, पोर्ट्स, रेलवे कंपनियों आदि संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पेमेंट के लिए लागू किया गया था।
तमाम क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा लाभ
इस बिल के तहत सरकार को केंद्रीय कानून के तहत मातृत्व अवकाश की अवधि और ग्रैच्युटी को नोटिफाइ करने की अनुमति मिल सकेगी। यह बिल 18 दिसंबर 2017 को लोकसभा में लेबर मिनिस्टर संतोष कुमार गंगवार ने पेश किया था। मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 को फैक्टरीज, माइन्स, ऑइलफील्ड्स, पोर्ट्स, रेलवे कंपनियों आदि संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पेमेंट के लिए लागू किया गया था।
एक ही संस्थान में 5 साल पूरा करने पर मिलेगा लाभ
यह कानून उन कर्मचारियों पर लागू होता है, जिन्होंने किसी एक संस्थान में लगातार कम से कम 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो। हालांकि संस्थान में कम से कम 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी होने चाहिए। इस अमेंडमेंट बिल से केंद्र सरकार को मातृत्व अवकाश पर भी बड़ा अधिकार मिल जाएगा। अभी 26 हफ्ते का अधिकतम मातृत्व अवकाश दिया जा रहा है।
किन शर्तों पर मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ
आमतौर पर कर्मचारी के रिटायर होने पर ही ग्रैच्युटी की पेमेंट की जाती है। हालांकि इसके अलावा भी कुछ अन्य केस में भी कर्मचारी को ग्रैच्युटी का लाभ मिलता है। जैसे, कर्मचारी पेंशन की स्थिति में लाभ नहीं मिलेगा, यदि वह संस्थान में 5 साल तक काम करने के बाद इस्तीफा देता है तो लाभ नहीं मिलेगा, यदि कोई कर्मचारी 5 साल पूरे नहीं कर पाता है और बीच में ही उसकी मृत्यु हो जाती है, तब भी उसके परिवार को ग्रैच्युटी की राशि मिलेगी।