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13 साल बाद Moody's ने सुधारी भारत की रेटिंग, जानिए क्‍यों?

By Pratima
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ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग सुधार दी है। अमेरिकी रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को भारत की सॉवरन क्रेडिट रेटिंग्स को एक पायदान ऊपर कर दिया। एजेंसी ने स्टेबल आउटलुक देते हुए भारत की रेटिंग 'Baa2' कर दी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत सरकार के स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारी करनेवाली रेटिंग्स 'Baa2' से बढ़ाकर 'Baa3' कर दी और रेटिंग आउटलुक को स्थिर से बढ़ाकर सकारात्मक कर दिया। बड़ी बात यह है कि विपक्ष नोटबंदी और जीएसटी के जिन मुद्दों पर मोदी सरकार पर बार-बार निशाना साधती रही है, मूडीज के बयान में उन्हीं की जमकर तारीफ की गई है। इससे मोदी सरकार की बांछें खिल गईं और प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर मूडीज के ताजा फैसले का स्वागत किया।

13 साल बाद सुधरी रेटिंग

13 साल बाद सुधरी रेटिंग

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने आर्थिक और सांस्थानिक सुधारों की वजह से वृद्धि की संभावनाएं बढ़ने को रेटिंग में सुधार का कारण बताया। खास बात यह है कि मूडीज ने भारत की रेटिंग 13 साल बाद अपग्रेड की है। इससे पहले उसने साल 2004 में भारत की रेटिंग बढ़ाकर 'Baa3' की थी। साल 2015 में भारत का रेटिंग्स आउटलुक 'स्टेबल (स्थिर)' से 'पॉजिटिव (सकारात्मक)' कर दिया गया था। 'Baa3' निवेश के नजरिए से सबसे निचले दर्जे की रेटिंग है जो 'जंक' स्टेटस से महज एक पायदान ऊपर होती है।

सरकार की हुई तारीफ

सरकार की हुई तारीफ

मूडीज ने एक बयान में कहा, 'मूडीज ने रेटिंग्स अप्रगेड करने का फैसला इस उम्मीद से लिया है कि आर्थिक और सांस्थानिक सुधारों की दिशा में लगातार कदम बढ़ाने से भविष्य में भारत में उच्च वृद्धि की संभावनाएं बढ़ेंगी और सरकारी कर्जों के लिए इसका बड़ा और स्थिर वित्तीय आधार तैयार होगा। इससे मीडियम टर्म में सामान्य सरकारी कर्ज का बोझ धीरे-धीरे कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि एजेंसी ने भारत को सावधान भी किया है कि कर्ज का बड़ा बोझ अब भी देश की क्रेडिट प्रोफाइल का अवरोधक है। बयान में कहा गया, मूडीज का मानना है कि सुधारों की वजह से कर्ज में तेज वृद्धि का जोखिम होगा, भले ही सुधार थोड़े नरम पड़ जाएं।

जीएसटी और नोटबंदी का फायदा

जीएसटी और नोटबंदी का फायदा

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे सुधार से राज्यों के बीच व्यापार की बाधा को हटाकर उत्पादकता बढ़ाएंगे। साथ ही, मौद्रिक नीति ढांचे में सुधार, बैंकों के अटके पड़े लोन की समस्या से निपटने के लिए उठाए गए कदम और नोटबंदी, बायोमीट्रिक व्यवस्था के लिए आधार का विस्तार एवं डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के जरिए सब्सिडी की रकम सही व्यक्ति तक पहुंचाने जैसी कवायदें अर्थव्यवस्था की गड़बड़ियां ठीक करने के लिए की गई हैं। जिन अन्य महत्वपूर्ण प्रयासों के फल मिलने बाकी हैं, उनमें भूमि और श्रम बाजार में योजनागत सुधार शामिल हैं जो राज्यों के बीच आपसी सहयोग पर बहुत ज्यादा निर्भर करते हैं। मूडीज के बयान में कहा गया है, 'इनमें से ज्यादातर कदमों का असर दिखने में वक्त लगेगा और जीएसटी और नोटबंदी जैसे कुछ कदमों ने निकट भविष्य में विकास पर दबाव भी डाला है।'

अगले साल तक इकोनॉमी में होगी ग्रोथ

मूडीज ने मार्च 2018 में खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। हालांकि, तात्कालिक बाधाओं के खत्म होने और जीएसटी में लघु एवं मध्यम उद्योगों (SMEs) एवं निर्यातकों को राहत बढ़ाने से अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। वित्त वर्ष 2019 से भारत की जीडीपी और तेजी से बढ़ेगी। मूडीज ने कहा, 'लॉन्ग टर्म में भारत की विकास की संभावना Baa रेटिंग वाले ज्यादातर देशों से बहुत ज्यादा है।'

English summary

Moody’s upgrades India’s rating, says reforms will foster sustainable growth

Moody's believes that the modi Government's reforms will improve business climate, enhance productivity, stimulate foreign and domestic investment, and ultimately foster strong and sustainable growth.
Story first published: Friday, November 17, 2017, 13:18 [IST]
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