1 दिसंबर से फॉलो करना होगा सरकार का यह नियम दिया आदेश
केंद्र सरकार ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है जिसके अंतर्गत अब हर नए फोर व्हीलर वाहन पर फास्ट टैग लगाना होगा। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में यह कहा गया है कि 1 दिसंबर से हर नए चार पहिया वाहनों पर फास्ट टैग लगाना अनिवार्य है। यह जिम्मेदारी वाहन बनाने वाली मैन्युफैक्चरर या बेचने वाले ऑथराइज्ड डीलर की होगी।
क्या है फास्ट टैग
आपको बता दें कि यह नियम सेंट्रल व्हीकल रुल्स 1989 में सुधारों के तहत सरकार ने नोटिफिकेशन के माध्यम से जारी किया है। फास्ट टैग एक डिवाइस है है, जिसका इस्तेमाल रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी के रुप में टोल प्लाजा पर पेमेंट के लिए किया जाता है।
इससे टोल पर वाहन की होती है पहचान
फास्ट टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग की तरह है, जिसे वाहन के साइड स्क्रीन पर लगाया जाता है। इसे समय-समय पर रिचार्ज कराया जा सकता है। इसके लगे रहने का फायदा यह है कि व्हीकल के टोल प्लाजा से होकर गुजरने के दौरान इस टैग के जरिए टोल पर व्हीकल की पहचान हो जाती है।
टैग के द्वारा खुद से ही हो जाता है पेमेंट
जितना टोल पेमेंट करना होता है, उतनी राशि उस टैग के जरिए खुद से ही पे हो जाती है। यानी टोल पर रुकने की जरुरत नहीं होती है। फास्ट टैग में राशि कम हो जाने पर उसे दोबारा रिचार्ज कराया जा सकता है। इससे टोल पर समय की भी बचत होती है।
पहले से है चलन में
इससे पहले फास्ट टैग नेशनल हाइवे पर 370 टोल प्लाजा पर पहले से यह चलन में है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन प्रोग्राम के तहत यह सुविधा है कि एक ही फास्ट टैग का इस्तेमाल देशभर में किसी भी टोल प्लाजा पर किया जा सकता है। सरकार ने हर टोल प्लाजा पर फास्ट टैग लगे व्हीकल के लिए पहले ही अलग लेन तय करने का फैसला किया है। इस तरह से फास्ट टैग वाले वाहनों को अपनी अलग लेन से होते हुए ही गुजरना होता है।