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देश के लिए तोप, टैंक और मिसाइल बनाएंगे टाटा, रिलायंस और महिंद्रा

By Ashutosh
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मौजूदा वक्त में भारत दुनिया में हथियारों को आयात करने के मामले में पहले नंबर पर है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में सरकार की कोशिश हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बनने की है। इसके लिए सरकार वाजिब कदम भी उठा रही है। देश में तमाम बड़ी कंपनियां रक्षा क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। इस मामले में अनिल अंबानी की रिलायंस पहले नंबर पर है। हालांकि टाटा और महिंद्रा भी लगातार उन्नत स्वदेशी हथियार बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड सेना के लिए छोटे गैजेट से लेकर मिसाइल तक बनाने की दिशा में कार्यरत है। एक नजर उन भारतीय कंपनियों पर जो स्वदेशी हथियार बनाने के लिए रक्षा क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं।

डीआरडीओ

डीआरडीओ

भारतीय सेना की मजबूती के पीछे सबसे बड़ा हाथ डीआरडीओ का है। हथियारों को लेकर दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता को डीआरडीओ ने खत्म करने का प्रयास किया है। सरकारी मदद से डीआरडीओ ने कम लागत में उन्नत हथियार बनाए हैं। इसमें हथियार निंयत्रण प्रणाली, एंटीना, मिसाइल, लेजर चेतावनी संवेदक, हल्के लड़ाकू विमान, विमानों के इंजन, टैंक के साथ-साथ हाल ही में शॉर्ट कॉर्नर राइफल विकसित की है।

रिलायंस डिफेंस
 

रिलायंस डिफेंस

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस देश के रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश करने के मूड में है। हाल ही में रिलायंस डिफेंस ने 25 औद्योगिक लाइसेंस के साथ रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी है। रिलायंस के पास रक्षा क्षेत्र में सबसे ज्यादा परमिट है। ये लाइसेंस भारी हथियार, सशस्त्र वाहन, गोला-बारूद, UAV समेत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम बनाने का लाइसेंस मिला है। इसे अलावा रिलायंस नौसेना के साथ भी मिलकर कार्य कर रहा है।

महिंद्रा

महिंद्रा

निजी क्षेत्र की कंपनी महिंद्रा भी रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश कर सकती है। महिंद्रा यूरोपीय कंपनी एयरबस के साथ मिलकर देश में हेलीकॉप्टर निर्माण की दिशा में बढ़ रही है। इसके अलावा महिंद्रा कंपनी ब्रिटेन की अल्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के लिए अत्याधुनिक रेडियो प्रणाली और अंडर वॉटर युद्धक उपकरण का निर्माण करेगी। फिलहाल सरकार महिद्रा की बनी मिलिट्री व्हीकल प्रयोग में ले रही है।

टाटा

टाटा

टाटा कंपनी भारत के रक्षा क्षेत्र में बहुत पहले से कार्यरत है। टाटा इस वक्त सेना के लिए उन्नत श्रेणी की तोप का निर्माण कर रहा है। साथ ही सेना के काफिले के लिए तेज और मजबूत ट्रक के अलावा एंटी लैंडमाइन व्हीकल भी तैयार कर रहा है। हाल ही में टाटा कंपनी ने मेक इंडिया के तहत अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ एक समझौता किया है जिसके अंतर्गत दोनों कंपनियां हैदराबाद के पास उन्नत श्रेणी का युद्धक लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे का निर्माण करेंगे।

बोइंग

बोइंग

देश में मेक इन इंडिया और विदेशी निवेश का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए देश के अलावा विदेश की भी कंपनियां अपनी इकाई भारत में स्थापित करना चाह रही हैं। अमेरिकी कंपनी बोइंग और लॉकहीट मार्टिन देश में फाइटर जेट बनाने की इकाई स्थापित करना चाह रही है। फिलहाल इसमें अभी कुछ अड़चने हैं लेकिन आने वाले वक्त में ये मुश्किलें दूर हो सकती हैं और दुनिया में भारत में बने फाइटर जेट बिक्री के लिए तैयार हो सकते हैं।

भारत की रणनीति

भारत की रणनीति

भारत अब हथियार आयात करने वाले देश की श्रेणी से बाहर निकलना चाहता है। इसके लिए मौजूदा मोदी सरकार ने प्रतिबद्ध है। सरकार की कोशिश है कि वह 70 फीसदी हथियार देश में ही बनाए। इसके बाद टाटा कंपनी ने एलान किया था कि वह भविष्य में 35 अरब डॉलर का निवेश रक्षा क्षेत्र में करेगी। महिंद्रा ग्रुप भी इसी क्रम में आगे बढ़ रहा है।

English summary

Top Indian Company Invest In Defense Sector

private company want to cover Indian Defense sector by make in india.
Story first published: Tuesday, September 20, 2016, 17:04 [IST]
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