प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना: नियम और शर्तें
यहां पर आपको प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के बारे में विस्तार से बताएंगे, साथ बताएंगे कि इस योजना के लिए क्या नियम और शर्तें हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत 2016 में हुई है। इस योजना में काले धन से जमा पैसे को सरकार गरीबों के विकास कार्य में लगाती है। दरअसल ये योजना सरकार ने उन लोगों के लिए शुरू की है जिनके पास अघोषित संपत्ति है। ऐसे लोग इस योजना के तहत गरीब कल्याण योजना में पैसे जमा कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने 31 मार्च 2017 तक का समय दिया था। साथ ही इस योजना के तहत सिर्फ एक बार ही पैसा जमा किया जा सकता है। क्या है इस योजना के नियम और शर्तें, उसके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
कालाधन रखने वालों के लिए
जिस किसी भी व्यक्ति के पास कालाधन है वह इस प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पैसे जमा कर सकता है। जो भी व्यक्ति इस स्कीम में पैसे जमा करेगा वह अगले चार साल तक उस खाते से पैसे नहीं निकाल सकता है। साथ ही उस खाते पर किसी तरह का ब्याज भी नहीं मिलेगा।
बैंक में RBI के विशेष फॉर्म के जरिए खुलवाएं खाता
इस योजना के तहत खाता खोलने के लिए सबसे पहले आवेदक को किसी भी ऑथराइज्ड बैंक की शाखा में खाता खुलवाना होगा। वहां अपना पैनकार्ड और अन्य डिटेल बैंक को देनी होगी। इस खाते के लिए RBI ने एक खास तरह का फॉर्म दिया है जिसे अघोषित संपत्ति रखने वालों को ही भरना होगा।
एक बार ही जमा कर सकते हैं पैसा
इस योजना के तहत अघोषित संपत्ति रखने वाले लोगों को सिर्फ एक बार ही पैसे भरने की सुविधा मिलती है। ऐसे में जिनके पास अघोषित पैसे हैं वह एक बार में ही पैसे भर सकते हैं दोबारा उन्हें मौका नहीं मिलेगा।
किसी को ट्रांसफर नहीं कर सकते पैसे
इस योजना के तहत जमा किए गए पैसे किसी भी व्यक्ति को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। हां अगर किसी कारणवश खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को ये पैसे मिल सकते हैं।
चार साल तक नहीं निकाल सकते पैसे, नहीं मिलेगा कोई ब्याज
इस योजना के तहत जमा किए गए पैसों को चार साल तक निकाला नहीं जा सकता है। साथ ही इस दौरान बैंक से किसी भी तरह का कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
गरीबों के कल्याण और विकास में उपयोग में लायी जाएगी राशि
1-जुर्माने से जो राशि आएगी उसका इस्तेमाल गरीब कल्याण योजना के लिए किया जाएगा।
2-अगर गरीब कल्याण योजना के बाद काले धन का पता चला और आय के स्रोत की जानकारी नहीं मिली तो 77.25 फीसदी पैसा सरकार ले लेगी।
3-आय का स्रोत साबित नहीं कर सके तो 85 फीसदी पैसा भरना होगा।
4-योजना के बाद छापा पड़ने पर काला धन मिलने पर 60 फीसदी पैसा भरना होगा।
5-अगर छापा पड़ा और काले धन होने की बात स्वीकारी तो 90 फीसदी पैसा सरकार को देना पड़ेगा।