सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना
यहां पर आपको सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना के बारे में बताएंगे।
MSME के द्वारा झेली जाने वाली कुछ समस्याओं में से, 'उचित ब्याज दर पर पर्याप्त क्रेडिट और समय की अनुपलब्धता' प्रमुख समस्याएं हैं। इस क्षेत्र में बैंक वित्त की कम उपलब्धता के प्रमुख कारणों में से एक कारण एमएसई को उधार देने में बैंकों की उच्च जोखिम धारणा है और फलस्वरूप कोलेटरल्स पर ऐसे आग्रह होते हैं जोकि इन उद्यमों के साथ आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। जिन्हें छोटे लोन चाहिए हो या वो पहली पीढ़ी के उद्यमी हों, उनके लिए यह समस्या और गंभीर है।
इसके लिए आयी तो आई क्रेडिट गारंटी फंड योजना तो आपको बताते हैं सूक्ष्म और लघु उद्यम क्षेत्र (सीजीएस) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना के बारे में।
क्रेडिट गारंटी फंड योजना
सूक्ष्म और लघु उद्यम क्षेत्र (सीजीएस) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना, भारत सरकार (GOI) द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यम क्षेत्र को संपार्श्विक-मुक्त (कोलेस्ट्रल-फ्री) क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। मौजूदा और नए उद्यम दोनों ही योजना के तहत कवर होने के लिए योग्य हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, जीओएल और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना को लागू करने हेतु माइक्रो और लघु उद्यमों (सीजीटीएमएसई) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट नामक एक ट्रस्ट की स्थापना की।
इस योजना को औपचारिक रूप से 30 अगस्त, सन् 2000 को लांच किया गया। क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एण्ड स्मॉल इंटरप्राइजेज (CGTMSE) के कॉर्पस को क्रमश: 4:1 के अनुपात में जीओआई और SIDBI के द्वारा सहयोग दिया जा रहा है और इसके लिए 2477.78 करोड़ रुपए का सहयोग 31 मई 2016 तक किया जा चुका है। जैसा कि एमएसई के लिए पैकेज को घोषित किया गया था, कॉर्पस को 11वीं योजना तक 2500 करोड़ तक बढ़ाना था।
क्रेडिट गारंटी फंड के लिए योग्य ऋण संस्थाएं
योजना के तहत पात्र होने वाली बैंक / वित्तीय संस्थान, शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंक (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक / निजी क्षेत्र के बैंक / विदेशी बैंक) और चयनित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (जोकि नाबार्ड के द्वारा 'दीर्घकालिक विकासक्षम' श्रेणी के तहत वर्गीकृत होती हैं) होती हैं। 31 मई 2016 तक, ट्रस्ट के एमएलआई के रूप में कुल 133 पात्र ऋण संस्थाएं रजिस्टर हुई थीं, जिनमें 26 पब्लिक सेक्टर बैंक, 21 प्राईवेट सेक्टर बैंक, 73 रीज़नल रूरल बैंक (आरआरबी), 4 विदेशी बैंक और 9 संस्थाएं जैसे - दिल्ली वित्तीय निगम, केरल वित्तीय निगम, जम्मू-कश्मीर विकास वित्त निगम लिमिटेड, आंध्र प्रदेश राज्य वित्तीय निगम, निर्यात आयात बैंक ऑफ इंडिया, तमिलनाडु औद्योगिक निवेश निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम (एनईडीएफआई) और लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) शामिल हैं।
पात्र क्रेडिट सुविधा
योजना के तहत कवर करने योग्य पात्र क्रेडिट सुविधाएं, टर्म लोन और/या 100 लाख रुपए तक की कार्यकारी पूंजी सुविधा, दोनों को ही प्रदान करती है जिसे बिना किसी कोलेटरल सिक्योरिटी के बढ़ाया जा सकता है या थर्ड पार्टी गारंटी के ऐसा किया जा सकता है ताकि नए या पहले से मौजूद उद्यम को आगे बढ़ाया जा सके। गारंटी स्कीमों के तहत कवर की गई इकाइयों के लिए, जो प्रबंधन के नियंत्रण से बाहर के कारकों के कारण रूग्ण हो सकती हैं, ऋणदाता द्वारा प्रदान की गई पुनर्वास सहायता भी गारंटी योजना के तहत कवर की जा सकती है। सरकार या अन्य एजेंसियों द्वारा संचालित किसी योजना के तहत अतिरिक्त जोखिम को कवर करने के संबंध में कोई भी क्रेडिट सुविधा योजना के तहत कवरेज के लिए योग्य नहीं होगी।
गारंटी कवर
योजना के तहत उपलब्ध गारंटी कवर, क्रेडिट सुविधा की स्वीकृत राशि के अधिकतम 85% की सीमा तक है। प्रदान किया गया गारंटी कवर, यदि क्रेडिट एक्सपोजर 50 लाख रुपये से ऊपर और 100 लाख रुपये तक है तो पूरी राशि के लिए 50% पर एक समान गारंटी के साथ 50 लाख रुपये (सूक्ष्म उद्यमों को प्रदान किए गए 5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए 85%, महिलाओं द्वारा स्वामित्व / संचालित एमएसई के लिए 80% और सिक्किम सहित एनईआर को सभी ऋण) तक क्रेडिट सुविधा का 75% होता है।
डिफॉल्ट रूप से ट्रस्ट, ऋण संस्थाओं के द्वारा बढ़ाई गई क्रेडिट सुविधाओं के डिफॉल्ट में राशि पर 75 प्रतिशत तक के क्लेम को सेटल कर देते हैं (जोकि 85% / 80% / 50% होते हैं या जो भी पात्र हों)। इस उद्देश्य के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से राशि को टर्म लोन के सदंर्भ में उधारकर्ता के खाते में बकाया मूल राशि के रूप में माना जाता है और ब्यादज सहित आउटस्टैंडिंग कार्यकारी पूंजी सुविधाओं की राशि, गैर-निष्पादित संपत्ति को चालू करने वाले खाते की तारीख के अनुसार (एनपीए) होगी।
गारंटी की अवधि
योजना के तहत गारंटी कवर, टर्म ऋण / कम्पोजिट क्रेडिट के सहमत कार्यकाल के लिए है। कार्यशील पूंजी के मामले में, गारंटी कवर 5 साल या 5 साल के ब्लॉक तक होता है।
गारंटी के लिए शुल्क
स्वीकृत क्रेडिट सुविधा के 1.0% प्रति वर्ष की एक समग्र वार्षिक गांरटी शुल्क (5 लाख रुपये तक क्रेडिट सुविधा के लिए 0.75% और 5 लाख रुपये के लिए 0.85% और महिला, माइक्रो एंटरप्राइजेज और सिक्किम सहित एनईआर में इकाइयों के लिए 100 लाख तक) को चार्ज किया जा रहा है।
वेबसाइट / सर्कुलर
सीजीटीएमएसई की वेबसाइट www.cgtmse.in पर लेटेस्टि सर्कुलर के साथ योजना का विवरण उपलब्ध है।
योजना जागरूकता कार्यक्रम
1-सीजीटीएमएसई ने विभिन्न जिलों / राज्यों / राष्ट्रीय मंच पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों, कार्यशालाओं / सेमिनार आयोजित करने वाले लोगों, कार्यशालाओं / संगोष्ठियों के माध्यम से बैंकों, एमएसई सेक्टशर्स, संघों, एमएसई क्षेत्र आदि के बीच सीजीएस के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बहु-चैनल दृष्टिकोण को अपनाया है। वर्ष के दौरान, सीजीटीएमएसई ने आरबीआई / सरकार द्वारा आयोजित एमएलआई और इंडस्ट्री एसोसिएशन, प्रदर्शनियों और बैठकों द्वारा आयोजित विभिन्न संगोष्ठियों / कार्यशालाओं में भाग लिया, जोकि सीजीएस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे देश में, एमएसई सेक्टर के साथ कनेक्शन में थीं। सीजीटीएमएसई के अधिकारियों ने अपनी सदस्य ऋण संस्थानों के साथ व्यावसायिक विकास बैठकें भी आयोजित कीं। दृश्यता में सुधार करने और योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे देश में सतत प्रिंट मीडिया अभियान चलाए गए। विभिन्न प्रसारकों के बीच सूचना प्रसार अभियान जोरदार ढंग से किए गए थे।
2-वित्त वर्ष 2016 के दौरान, सीजीटीएमएसई ने 21 सेमिनार / कार्यशालाओं / बैंकरों की बैठक / व्यापार विकास बैठक में भाग लिया, और क्रेडिट गारंटी योजना के विभिन्न पहलुओं पर बैंक अधिकारियों / छोटे उद्यमों को संवेदनशील बनाने के लिए प्रेजेंटेशन भी दिए। कार्यशालाओं / कार्यक्रमों को आम तौर पर सदस्य बैंक / सिडबी / सीजीटीएमएसई / उद्योग संघों द्वारा व्यवस्थित किया जाता था।
सीजीटीएमएसई की संचालन संबंधी मुख्य विशेषताएं
31 मई 2016 तक, सूक्ष्म और लघु उद्यमों से संचयी रूप से 24,31,490 प्रस्तावों को 11,13,500.61 करोड़ रुपये के कुल क्रेडिट के लिए गारंटी कवर हेतु मंजूरी दे दी गई है, जोकि 11 सक्रिय एमएलआई द्वारा विस्तारित है।