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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या पीपीएफ (PPF) में कौन से बेहतर, यहां देखें तुलना

By Arunima Kumari (lekhaka)
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पोस्ट ऑफिस के जरिये चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं को छोटी बचत योजनाओं के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह बैंक डिपॉजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं। पीपीएफ (PPF) जैसी कुछ योजनाएं अब बैंकों में भी ऑफर किये जा रहे हैं। हम यहां बैंक सेविंग के बजाय छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने के कुछ फायदों के बारे में बता रहे हैं।

 

FD vs PPF

FD vs PPF

ब्याज दर की तुलना करें तो देश की सबसे बड़ी ऋणदाता एसबीआई (SBI) के मुकाबले छोटी बचत योजनाएं बेहतर हैं। उदाहरण के लिए, एसबीआई आपको फिक्स्ड डिपॉजिट के विभिन्न कार्यकाल में 5.75 फीसदी से 6.75 फीसदी ब्याज दर देता है। दूसरी ओर पीपीएफ 7.8 फीसदी की ब्याज दर देता है, 5 साल के लिये पोस्ट ऑफिस में डिपॉजिट करने पर आपको 7.4 फीसदी ब्याज दर मिलता है, NSC आपको 7.6 की ब्याज दर ऑफर करता है, सुकन्या समृद्धि आपको 8.1 और केवीपी (KVP) 7.3 फीसदी ब्याज देते हैं।

डाकघर योजनाओं में मिलता अच्छा इंट्रेस्ट
 

डाकघर योजनाओं में मिलता अच्छा इंट्रेस्ट

बैंक एफडी के मुकाबले डाकघर की कुछ योजनाएं टैक्स के मामले में ज्यादा प्रभावशाली हैं। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स से पूरी तरह छूट दी गई है। वहीं दूसरी ओर बैंक एफडी से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है।

टैक्स में छूट का लाभ

टैक्स में छूट का लाभ

हालांकि, बैंकों में किए गए फिक्सड डिपॉजिट सेक्शन 80C के तहत कर बचत की स्कीम के साथ भी आते हैं। पोस्ट ऑफिस की PPF, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाएं भी आपको इसी तरह से कर में लाभ प्रदान करती हैं। इसलिए, बेहतर विकल्प डाकघर योजनाएं होंगी क्योंकि वे आपको ज्यादा ब्याज दरों के साथ कर लाभ प्रदान करते हैं।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छी स्कीम

वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छी स्कीम

ये वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी बेहतर है क्योंकि बैंक डिपॉजिट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुश्किल से ही कुछ होता है। दूसरी ओर वरिष्ठ नागरिक सेविंग स्कीम प्रतिवर्ष 8.3 फीसदी ब्याज देती है, जो 31 मार्च/ 30 सितंबर/ 31 दिसंबर की जमा राशि की पहली तारीख में और इसके बाद देय होती है।

मासिक आय स्कीम में काफी अच्छा है रिर्टन

मासिक आय स्कीम में काफी अच्छा है रिर्टन

मासिक आय चाहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए पोस्ट ऑफिस में मासिक आय स्कीम काफी बेहतर विकल्प है क्योंकि यह सालाना 7.3 फीसदी ब्याज दर देते हैं। दूसरी ओर, बैंक में मासिक ब्याज दर काफी कम है, जो इसे बिल्कुल आकर्षक नहीं बनाती है।

खुद करें सही-गलत का चुनाव

खुद करें सही-गलत का चुनाव

यदि आप सर्विस और अन्य पहलुओं की तुलना करें तो बेशक बैंक नई टेक्नोलॉजी के साथ बहुत बेहतर हैं। पोस्ट ऑफिस से संबंधित काम थकाऊ होने के साथ ज्यादा समय और अधिक पेपर वर्क वाले हो सकते हैं। लेकिन कहते हैं ना कि दर्द के बिना कोई लाभ नहीं मिलता। यदि आप बड़ी रकम का निवेश कर रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की तुलना से बैंक में आपको एक फीसदी तक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

English summary

Bank Fds Vs Post Office Schemes; Why Post Office Is Better?

investing in the small saving schemes rather than the bank deposits. Some schemes like PPF, are also now offered at banks.
Story first published: Wednesday, April 18, 2018, 11:45 [IST]
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