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FRDI: अगर बैंक दीवालिया हो गया तो आपके पैसों का क्या होगा ?

By Ashutosh
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एफआरडीआई (FRDI) यानि फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल को लेकर इस वक्त देश में बड़ी चर्चा छिड़ी हुई है। सोशल मीडिया से लेकर टीवी डिबेट इस विषय पर चर्चा जारी है। बहस इस बात पर हो रही है कि बैंक में रखा आम आदमी का पैसा सरकार या बैंक हड़प सकते हैं। फिलहाल तो ऐसा कुछ नहीं होने वाला है, पर सोचिए जरा अगर आपका बैंक सच में दीवालिया हो जाए तो आपके बैंक में पड़े पैसों का क्या होगा? कभी सोचा है आपने, अगर नहीं तो हम आपको बताएंगे कि बैंक के दीवालिया होने पर आपके पैसों का क्या होगा?

क्या है बिल

क्या है बिल

एफआरडीआई (FRDI) यानि फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल के बारे में सबसे पहली और जरूरी बात है, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी। हर बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के तहत आता है जिसमें ये प्रवाधान है कि अगर बैंक दीवालिया हो जाए तो वह बैंक में आपकी जमा राशि का अधिकतम 1 लाख रुपए तक देने के लिए बाध्य है।

बैंक 1 लाख रुपए देने के लिए बाध्य

बैंक 1 लाख रुपए देने के लिए बाध्य

एफआरडीआई (FRDI) यानि फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल के बारे में सबसे पहली और जरूरी बात है, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी। हर बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के तहत आता है जिसमें ये प्रवाधान है कि अगर बैंक दीवालिया हो जाए तो वह बैंक में आपकी जमा राशि का अधिकतम 1 लाख रुपए तक देने के लिए बाध्य है।

सहकारी बैंक हुए ज्यादा दीवालिया

सहकारी बैंक हुए ज्यादा दीवालिया

भारत में कई ऐसे बैंक हैं जो नाकाम रहे या पिछले कई सालों में दिवालिया हो गए थे। लेकिन उनमें से ज्यादातर सहकारी बैंक ही थे, जिनकी इस प्रकार की स्थिति हो गई थी। निजी क्षेत्र के बैंकों की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं रही, जिनको आम तौर पर बड़े बैंकों द्वारा अधिग्रहीत कर लिया जाता है।

1 लाख रुपए तक भुगतान करने का नियम

1 लाख रुपए तक भुगतान करने का नियम

अगर इस तरह की कोई घटना होती है, जिसमें बैंक विफल या दिवालिया घोषित हो जाता है, तो भारतीय रिजर्व बैंक के स्वामित्व के अधीन 'डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन' (डीआईसीजीसी) उस बैंक के सावधि जमा राशि का भुगतान बैंक के जमाधारकों को करती है। डीआईसीजीसी पूरी राशि का भुगतान नहीं करता है, ये केवल ब्याज और मूल राशि सहित एक लाख रुपये तक का भुगतान करती है।

कैसे निकालें पैसे

कैसे निकालें पैसे

मान लीजिए की आप ने एक बैंक 'ए' में 80,000 रुपये का जमा किए हैं, जिसमें 9,000 रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है। यदि बैंक 'ए' पूरी राशि नहीं दे पाता तो डीआईसीजीसी आप को 89,000 हजार रुपए भुगतान करेगी। हालांकि, अगर फिक्स्ड डिपॉजिट 2 लाख रुपए हैं, तो आप को सिर्फ 1 लाख रुपये ही मिलेंगे।

जरूरी जानकारी

जरूरी जानकारी

ये सवाल अक्सर पैदा हो सकता है- हमें कैसे पता होगा अगर डीआईसीजीसी ने मेरे बैंक का बीमा किया है? आप को बता दें कि देश में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सभी बीमा कराते हैं हालांकि, यह बहुत छोटे स्थानीय सहकारी बैंकों के मामले में कहना मुश्किल है।

बैंक से मांगे प्रमाणपत्र

बैंक से मांगे प्रमाणपत्र

इस प्रकार के मामले में आप अपने बैंक से भारतीय रिजर्व द्वारा प्रदान किया गया बीमा प्रमाण पत्र दिखाने को कह सकते हैं। यह प्रमाण पत्र दिखान बैंको पर निर्भर करता है। अब आप से सवाल कर सकते हैं कि बैंक की दो अलग अलग शाखाओं में दो अलग सावधि जमा राशि क्या होती है? ऐसी स्थिति में बैंक दोनों ब्रांचों का पैसा मिला कर देता है।

English summary

FRDI, What happens to my money if a bank goes bankrupt in India

FRDI, What happens to my money if a bank goes bankrupt in India,
Story first published: Wednesday, December 13, 2017, 18:35 [IST]
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