ITR न फाइल करना पड़ सकता है मंहगा अगर आपके पास हैं ये 4 चीजें
सेंट्रल गर्वमेंट ऐसे लोगों का डाटा तैयार कर रही है जिनके नाम पर घर और कार है। तो अगर आपके पास भी घर और कार है तो आपको आईटीआर फाइल न करना मंहगा पड़ सकता है।
सेंट्रल गर्वमेंट ऐसे लोगों का डाटा तैयार कर रही है जिनके नाम पर घर और कार है। तो अगर आपके पास भी घर और कार है तो आपको आईटीआर फाइल न करना मंहगा पड़ सकता है। इसलिए उन लोगों के लिए समस्या हो सकती है जो कि घर और कार होने पर भी टैक्स नहीं भरते हैं। सरकार ऐसे लोगों की एक सूची तैयार कर रही है। ऐसे लोगों को नोटिस जारी करके यह पूछ सकती है कि उनकी सालाना इनकम कितनी है और वे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल क्यों नहीं कर रहे हैं।
पुराना रिकॉर्ड भी चेक किया जा सकता है
इनकम टैक्स विभाग को अगर लगता है कि किसी की इनकम पर टैक्स बनता है और वह व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर रहा है तो विभाग उस व्यक्ति का पिछले कई सालों का रिकॉर्ड खंगाल सकता है। ऐसे में उसको पेनाल्टी के साथ पिछले सालों का टैक्स भी देना पड़ सकता है।
30 लाख रुपए से ज्यादा का घर है तो देनी होगी जानकारी
अगर किसी व्यक्ति ने अपने नाम से 30 लाख रुपए से अधिक का मकान या फ्लैट खरीदा या बेचा है तो रजिस्ट्रार के लिए सरकार को यह जानकारी देनी जरुरी है। सरकार के पास यह जानकारी रहती है कि किसने घर खरीदा या बेचा है। अगर घर खरीदने वाला या बेचने वाला इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करता है तो सरकार नोटिस भेज कर यह पूछ सकती है कि आपके पास घर खरीदने के लिए पैसा कहां से आया और आप रिटर्न फाइल क्यों नहीं कर रहे हैं।
जमीन लेने पर भी देनी होगी जानकारी
इसी तरह से अगर आपके नाम पर जमीन या प्लॉट है तब भी आप सरकार की नजर में आ सकते हैं और आपको इनकम टैक्स रिटर्न न भरना मंहगा पड़ सकता है।
कार भी डाल सकती है मुसीबत में
अगर आपके पास कार है और आप इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं तो भी आप मुसीबत में फंस सकते हैं। सरकार हर साल ऐसा डाटा तैयार करती है कि इस साल कितनी कारों की बिक्री हुई है। ऐसे में सरकार के पास डाटा है कि किन लोगों ने कार खरीदी है और कौन से लोग हैं जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं अगले कदम के तौर पर सरकार ऐसे लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने को कह सकती है।
10 लाख से अधिक के शेयर हैं तो
अगर आप 10 लाख रुपए से अधिक के शेयर या म्यूचुअल फंड खरीदते हैं तो कंपनी को इसके बारे में सरकार को जानकारी देनी होती है। ऐसे में आपके शेयर या म्यूचुअल फंड होल्डिंग की जानकारी सरकार के पास है। अगर आप रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो सरकार आपसे आपकी इनकम का स्त्रोत पूछ सकती है।