GST के 6 सवाल, जिनके जवाब आपको जरूर पता होने चाहिए
यदि एमआरपी से अधिक दाम होंगे तो मैन्युफैक्चरर्स को दो अखबारों में सूचना देनी होगी और पैकेट पर रिवाइज एमआरपी लिखनी होगी।
जीएसटी (GST) लागू होने के बाद से जिस तरह से लगातार अफवाहें फैल रही हैं उससे सरकार भी चिंतित हो गई है। इसी सिलसिले में सरकार ने जीएसटी पर लोगों की मुश्किलों को कम करने और उन्हें अफवाहों को लेकर जागरुक करने के लिए एक प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता राजस्व सचिव हसमुख आधिया ने की और उन्होंनें लोगों को बताया कि जीएसटी उनके लिए किस तरह से लाभदायक है।
कीमत और सप्लाई पर सरकार की नजर
राजस्व सचिव हसमुख आधिया ने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद कीमत और सप्लाई पर सरकार की नजर बनी हुई है। उन्होंने आगे बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से जीएसटी के क्रियान्वयन में एक भी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आई है। हसमुख आधिया ने बताया कि सरकार ने जीएसटी सुचारू रूप से चले इसके लिए देश भर में नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।
2 लाख 2 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन के लिए दिया आवेदन
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि अब तक 2 लाख 2 हजार लोगों ने जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया है। जीएसटी के लागू होने के बाद प्रोडक्ट्स के एमआरपी से अलग से वसूली को लेकर उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा, 'जीएसटी लागू होने के बाद रिटेल प्राइस में संशोधन हो सकता है। यदि एमआरपी से अधिक दाम होंगे तो मैन्युफैक्चरर्स को दो अखबारों में सूचना देनी होगी और पैकेट पर रिवाइज एमआरपी लिखनी होगी।
बदली हुई दरों के बारे में देनी होगी जानकारी
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अगर दाम कम हुए तो विज्ञापन देने की कोई जरूरत नहीं होगी। लेकिन रिवाइज एमआरपी अलग से लिखनी होगी। राजस्व सचिव ने आगे बताया कि किसी भी वस्तु की रिवाइज एमआरपी अलग से लिखनी होगी। साथ ही यह भी कहा कि एमआरपी में सभी तरह के टैक्स शामिल रहेंगे उस पर अलग से किसी तरह का टैक्स वसूली नहीं की जा सकती है।
20 लाख रुपए से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को छूट
राजस्व सचिव ने बताया कि 20 लाख रुपए से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को छूट मिलेगी। राजस्व सचिव के मुताबिक लोग ये जानना चाह रहे हैं कि यदि 20 लाख रुपए से कम के टर्नओवर वाले कारोबारियों से जीएसटी नहीं लिया जाएगा तो फिर सरकार को कमाई कैसे होगी। इस पर राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि, थोक दुकानदार से रिटेलर को सामान बेचने पर ही सरकार को टैक्स मिल जाता है लेकिन छूट हासिल करने वाले डीलर को इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने सरल भाषा में स्पष्ट कहा कि हम छोटे दुकानदारों से टैक्स नहीं ले रहे हैं।
बनाई गई है निगरानी समिति
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जीएसटी के सही क्रियान्वयन पर निगरानी के लिए सरकार ने 15 विभागों के सचिवों की एक कमिटी गठित की है। कुल 175 अधिकारियों को इस काम में लगाया जाएगा। एक अधिकारी के पास 4 से 5 जिलों की जिम्मेदारी होगी। जीएसटी के बाद कीमतों और सप्लाई पर सरकार की नजर है। उन्होंने कहा कि अब तक 22 राज्यों ने चेक पोस्ट्स खत्म कर दिए हैं और एक महीने के भीतर सभी राज्य इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। अढ़िया ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर जैसी कुछ जगहों पर चेक पोस्ट्स नहीं हटे हैं, लेकिन यहां पर माल पर टैक्स नहीं लिया जा रहा है, बल्कि गाड़ियों की एंट्री पर टैक्स लिया जा रहा है। राजस्व सचिव ने स्पष्ट किया कि टोल टैक्स और एंट्री टैक्स जीएसटी के दायरे में नहीं है।
5 फीसदी टैक्स को बताया सही
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि विकलांगों के सामान पर 5 फीसदी टैक्स को गलत करार दिया जा रहा है। लेकिन, यह उनके फायदे के लिए है। उन्होंने कहा कि इनको बनाने में प्लास्टिक और शीशे का इस्तेमाल होता है। इन पर करीब 18 प्रतिशत तक का टैक्स लगता है। ऐसे में इस पर 5 प्रतिशत ही टैक्स लगाया गया है और रॉ मटीरियल की खरीद पर चुकाए टैक्स को इनपुट क्रेडिट के जरिए वापस पाया जा सकेगा।