ईपीएफ (EPF) खाता धारकों को ये 7 बातें जरुर पता होनी चाहिए
प्रोविडेंट खाता धारक के लिए ये खबर जरूरी है, हाल ही में पीएफ की ब्याज दर समेत कई बदलाव हुए हैं जिनके बारे में पीएफ खाताधारको को जानना जरूरी है।
कर्मचारी प्रॉविडेंट फंड (EPF) यानि कर्मचारी भविष्य निधि सरकारी और गैर सरकारी नौकरीपेशा लोगों के लिए महत्वपूर्ण जमा खाता है। पेंशन का लाभ अधिकांश नौकरियों में नहीं ही मिलता है और इसलिए रिटायरमेंट के बाद यह किसी भी शख्स के लिए बेहद जरूरी निवेश साबित होता है जिसमें वह नौकरी के वर्षों में अंशदान करता है। पीएफ से जुड़ी ये जानकारियां आपकी होंगी लेकिन हाल के दिनों में हुए कुछ बदलाव हुए हैं जिनके बारे में आपको न पता हो तो आइए एक नज़र डाल लें...
कितना होता अंशदान
पीएफ में अंशदान न केवल कर्मचारी द्वारा किया जाता है बल्कि एक मद नियोक्ता द्वारा भी जमा करवाया जाता है। ईपीएफ में से 8.33 फीसदी अंशदान पेंशन में जाता है और बाकी की राशि पीएफ में जाती है। ईपीएफ से पेंशन 58 साल की उम्र से मिलती है। पीएफ का पैसा बीमारी का इलाज, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर निकाल सकते हैं।
कब निकाल सकते हैं पीएफ
अगर दो महीने से बेरोजगार हैं तो पीएफ से पैसे निकाल सकते हैं। पीएफ खाता खोलने के 5 साल के अंदर पैसे निकालने पर टैक्स लगता है।
आधार हुआ जरूरी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने लगभग 4 करोड़ अंशधारकों के लिये आधार संख्या जमा करने की तारीख बढ़ाकर 30 अप्रैल 2017 कर दी है। इससे पहले ईपीएफओ (EPFO) ने आधार संख्या जमा करने की समयसीमा 31 मार्च 2017 तय की थी।
पीएफ पर 8.65 फीसदी की दर से मिलेगा ब्याज
हाल ही में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की ओर से बयान आया है कि 2016-17 के लिए उनकी भविष्य निधि जमा पर 8.65 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। सरकार का यह ऐलान ऐसे समय आया है जब इस तरह की खबरें आ रही थीं कि वित्त मंत्रालय द्वारा श्रम मंत्रालय से ईपीएफ ब्याज दर को आधा प्रतिशत कम करने को कहा जा रहा है।
रिटायरमेंट के वक्त पीएफ खाता धारक को मिलेंगे 50 हजार रुपए
पीएफ (PF) के वे अंशधारक जो 20 साल या इससे अधिक समय तक अंशदान करते रहेंगे, उन्हें रिटायरमेंट के वक्त 50000 रुपए अतिरिक्त रकम (जिसे बोनस भी कह सकते हैं) मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस बाबत जानकारी दिए जाने के बाद कहा गया है कि सिफारिशों को सरकार की अनुमति के बाद लागू कर दिया जाएगा। इसे शुरू में दो वर्ष के लिए प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जाएगा और बाद में इसकी समीक्षा की जाएगी।
कैसे मिलेगा इसका लाभ
50 हजार रुपए का लाभ 20 साल से कम समय तक खाताधारक बने रहने पर इस अपवाद के तहत मिलेगा यदि अंशधारक आजीवन अक्षमता (विकलांगता) का शिकार हो गया हो। दरअसल सीबीटी ने अपनी बैठक में कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना (ईडीएलआई) को संशोधित करने की सिफारिश की है। यह भी सिफारिश की गई है कि अंशधारक की मृत्यु हो जाने पर 2.5 लाख रुपए का न्यूनतम सम अश्योर्ड (निश्चित रकम) भी मुहैया करवाया जाए।
यूएएन के जरिए पता करें पीएफ जमा राशि
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इसमें जमा पैसे को रिटायरमेंट तक न ही निकाला जाए। वैसे आपके पीएफ अकाउंट में कितने पैसे जमा हैं और यह नियमित रूप से जमा हो रहे या नहीं, जैसी तमाम जानकारियों के लिए आपको कोई लंबी चौड़ी कोशिश करने की जरूरत नहीं है। आप भविष्य निधि खाते में कितनी रकम है, यह इंटरनेट पर ईपीएफओ की वेबसाइट पर लॉग इन करके भी कर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपके पास यूएएन यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर हो।