For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

सालाना 3 लाख रुपए तक की आय होगी टैक्स फ्री!

आयकर छूट सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया जा सकता है और बैंकों में पांच साल की सावधि जमा के बजाय तीन साल की सावधि जमा पर कर छूट दी जा सकती है।

By Ashutosh
|

सरकार नोटबंदी के बाद बने हालात को देखते हुये अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिये आगामी बजट में प्रत्यक्ष करों में व्यापक फेरबदल कर सकती है। आयकर छूट सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया जा सकता है और बैंकों में पांच साल की सावधि जमा के बजाय तीन साल की सावधि जमा पर कर छूट दी जा सकती है।

 

बढ़ सकती है छूट की सीमा

बढ़ सकती है छूट की सीमा

भारतीय स्टेट बैंक की शोध रिपोर्ट ‘ईकोरैप' के अनुसार आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा बढ़ सकती है। आयकर की धारा 80सी के तहत विभिन्न निवेश और बचत पर मिलने वाली छूट सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। आवास ऋण के ब्याज पर भी कर छूट की सीमा बढ़ सकती है।

SBI की रिपोर्ट

SBI की रिपोर्ट

SBI की ईकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा मौजूदा 2.5 लाख रपये से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना हो सकती है। धारा 80सी के तहत विभिन्न बचतों और निवेश पर मिलने वाली कर छूट सीमा 1.5 लाख से बढ़कर दो लाख रुपए की जा सकती है।

होम लोन में भी मिलेगी छूट
 

होम लोन में भी मिलेगी छूट

आवास ऋण के ब्याज पर मिलने वाली कर छूट सीमा दो लाख से बढ़कर तीन लाख रुपए की जा सकती है। इसके अलावा बैंकों में पांच साल की सावधि जमा के बजाय तीन साल की जमा पर कर छूट मिल सकती है।'

सरकारी खजाने पर बढ़ेगा बोझ

सरकारी खजाने पर बढ़ेगा बोझ

स्टेट बैंक शोध की यह रिपोर्ट मुख्य आर्थिक सलाहकार और महा प्रबंधक आर्थिक शोध विभाग सौम्या कांती घोष ने तैयार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस तरह की छूट देने से सरकारी खजाने पर 35,300 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा लेकिन हमें आय घोषणा योजना-दो के राजस्व और रिजर्व बैंक की निरस्त नोट देनदारी से संतुलित होने की उम्मीद है।'

ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद

ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद

SBI शोध के अनुसार आय घोषणा योजना (IDS) के तहत करीब 50,000 करोड़ रुपए की कर वसूली और नोटबंदी की वजह से निरस्त देनदारी के तौर पर करीब 75,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है।

अभी क्या है नियम

अभी क्या है नियम

नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ारने के लिये प्रत्यक्ष करों में यह फेरबदल हो सकता है। वर्तमान में ढाई लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं है। ढाई लाख से पांच लाख तक 10 प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपए की सालाना आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगता है।

आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पड़ी धीमी

आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पड़ी धीमी

नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर बदल गई है। चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि पिछले साल यह 7.6 प्रतिशत रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल बजट को लेकर चुनौतियां पहले से ज्यादा हैं।

English summary

In This Budget Govt May Increase Tax Exemption Limit Up To 3 Lakh

In This Budget Govt May Increase Tax Exemption Limit Up To 3 Lakh.
Story first published: Monday, January 23, 2017, 18:30 [IST]
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X