ATM सेंधमारी के पीछे पाकिस्तान का हाथ: रिपोर्ट्स
बताया जा रहा है कि बैंकों को साइबर हमले के खतरे को लेकर बार-बार अलर्ट किया गया था। बावजदू इसके बैंको ने चेतावनी को नजरंदाज करते हुए साइबर सुरक्षा के मामले ढीला रवैया दिखाया।
ATM सेंधमारी की घटना के बाद एक और बड़ा दावा सामने आया है। बताया जा रहा है कि बैंकों को साइबर हमले के खतरे को लेकर बार-बार अलर्ट किया गया था। बावजदू इसके बैंको ने चेतावनी को नजरंदाज करते हुए साइबर सुरक्षा के मामले ढीला रवैया दिखाया। इसके अलावा कंप्यूटर इंमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम ने भी बैंको को साइबर सुरक्षा को लेकर पहले से ही तैयार रहने के लिए कहा था। अब खबर आ रही है कि ATM सेंधमारी में पड़ोसी देश पाकिस्तान का हाथ है।
सर्जिकल स्ट्राइक से बाद दी थी चेतावनी
समाचार पोर्टल इकोनामिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक 7 अक्टूबर को दी गई ऐसी ही वॉर्निंग में पाकिस्तान से साइबर हमले की चेतावनी दी गई थी जिसे बैंको ने खास तवज्जो नहीं दी थी। CERT-In ने इस साल जुलाई और अगस्त में साइबर सुरक्षा को लेकर चेतावनी जारी की थी। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस घटना के संबंध में जानकारी दी है।
7 अक्टूबर को भी किया था अर्लट
बताया गया था कि साइबर सुरक्षा पर सबसे ताजा अलर्ट 7 अक्टूबर को जारी किया गया था। इस अलर्ट में चेतावनी दी गई थी कि पाकिस्तान की तरफ से बैंको के नेटवर्क पर साइबर हमला हो सकता है। यह अलर्ट उरी में हुए हमले के बाद भारत की तरफ से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जारी किया गया था।
पाकिस्तानी हैकर्स ने किए 7 हजार हमले
आपको बता दें कि इस अलर्ट के जारी होने से महीने भर पहले ही बैंको में साइबर सुरक्षा में सेंधमारी की शिकायतें मिलने लगी थीं। वहीं सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तमाम भारतीय साइट्स को पाकिस्तानी हैकर्स द्वारा निशाना बनाने की खबरे सामने आईं थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक साइबर सुरक्षा से जुड़े 7 हजार हमले पाकिस्तानी हैकर्स द्वारा किए गए थे।
1.3 करोड़ रुपए की अवैध निकासी
मैलवेयर इन्फेक्शन की वजह से बैकों की साइबर सुरक्षा में लगी सेंध के कारण करीब 32 लाख डेबिट कार्ड की क्रिटिकल इन्फर्मेशन खतरे में पड़ने की बात सामने आई है। हालांकि, नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, पूरी दुनिया में सिर्फ 1.3 करोड़ रुपए की अवैध धन निकासी हुई है।
पेमेंट गेटवे जांचने के आदेश
सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों और पेमेंट गेटवे कंपनियों को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है। हालांकि, माना जा रहा है कि अगर जारी अलर्ट को लेकर त्वरित और ठोस कार्रवाई होती तो इस साइबर हमले को काफी हद तक बेअसर किया जा सकता था।
SBI,HDFC और ICICI बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित
इस सेंध की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले बैंकों में एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस और एक्सिस बैंक शामिल हैं। सभी का कहना है कि उनका सिस्टम दुरुस्त है और प्रभावित कार्ड्स का इस्तेमाल शायद उन एटीएम पर हुआ जो संबंधित बैंकों के नेटवर्क के बाहर के थे।
बैंको ने नहीं दर्ज कराई कोई शिकायत
32 लाख कार्ड्स की जानकारी में सेंध लगने की आशंका की खबर मीडिया में आने के बाद CERT-In और द नेशनल क्रिटिकल इन्फर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) ने SBI, एक्सिस और HDFC को ईमेल भेजकर कहा था कि वे इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज कराएं। हालांकि, बैंकों की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। अफसरों का कहना है कि बैंकों द्वारा इस मामले को रिपोर्ट न करना भी नियमों का उल्लंघन है।