भारतीय शेयर बाजार के बारे में खास बातें जो शायद आप नहीं जानते
भारतीय शेयर बाजारों में कई मायनों में अद्वितीय है। भारत के दो सबसे बड़े एक्सचेंज, पूरी दुनिया में सूचीबद्ध कम्पनियों में से हैं। देश के लाखों लोग, शेयर बाजार में प्रतिदिन निवेश करते हैं और इसके उतार-चढ़ाव से ही उनका व्यवसाय चलता है। देश की हर गतिविधि का असर भी सबसे ज्यादा शेयर बाजार पर ही बढ़ता है।
सरकारें बदलें तो शेयर बाजार हिल जाता है, कोई कम्पनी घोटाले में पाई जाती है तो शेयर बाजार गिरने लगता है। क्या आपको शेयर बाजार के बारे जानकारी है... अगर नहीं तो इस आर्टिकल को पढ़ें और जानें भारतीय शेयर बाजार के बारे में खास बातें:
एक बड़ा ढांचा - आपको जानकार आश्चर्य होगा कि भारत में लोग अपनी आय का सिर्फ 2 प्रतिशत हिस्सा ही शेयर बाजार में लगाते हैं। वो बचत करने के लिए सोना खरीदना या जमीन व घर खरीदना ज्यादा अच्छा विकल्प मानते है। सिर्फ 2 प्रतिशत निवेश से शेयर बाजार इतनी ऊचाईयां पर है।
दुनिया में सबसे ज्यादा सूचीबद्ध शेयरों की संख्या - पूरी दुनिया में भारतीय शेयर बाजार के बंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सबसे ज्यादा सूचीबद्ध शेयरों की संख्या है। इसमें लगभग 9000 कम्पनियां सूचीबद्ध हैं।
एलआईसी आगे - विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) की शेयरों के बड़े हिस्से पर पकड़ है, जबकि एलआईसी अभी भी सबसे बड़ी घरेलू संस्थागत खिलाड़ी है।
बुरे आंकडें - सूचीबद्ध कम्पनियों में से लगभग 6000 कम्पनियां, काराेबार नहीं कर रही है; सिर्फ 3000 कम्पनियां ही शेयर मार्केट में एक्टिव हैं।
डेरिवेटिव में रिकॉर्ड - एनएसई, डेरिवेटिव मार्केट में दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा वॉल्यूम होल्डर है। इंडेक्स ऑप्शन के बाद इसी का नम्बर आता है और इसके बाद स्टॉक इंडेक्स फ्यूचर आता है।
धीरे-धीरे निवेशक बाजार में वापस उतर रहें - जीडीपी के प्रतिशत के रूप में, स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सभी कम्पनियों की वैल्यू, तीन सालों में थोड़ी सी बढ़ी है। मार्केट कैप, जीडीपी की लगभग 86 प्रतिशत या 93 लाख करोड़ के आसपास है।
निवेशक, कमाते हैं - भारतीय बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी, लाभ प्राप्त करने के मामले में इस वर्ष सबसे अच्छे शेयर बाजारों के रूप में सामने आएं हैं जिसमें निवेशक को काफी लाभ मिला है। निवेशकों को धन की प्राप्ति होना शुरू हुई है।
एनएसई की पहुँच - एनएसई, 2011 और 2012 में इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर बुक में इक्विटी शेयर में ट्रेड्स की संख्याओं के द्वारा सबसे बड़ा एक्सचेंज था।