छोटी बचत योजनाओं में चार नये बड़े परिवर्तन
भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्याज की दरों में एकरुपता लाने, इसके प्रभावी संचालन एंव ब्याज दरों में कमी के उद्धेश्य से भारत सरकार ने अर्थव्यस्था को सुदृढ करने के लिए कुछ कदम उठाये हैं। रिर्जव बैंक की मॉनिटरिंग पालिसी के अन्तरगत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दरों को बैंकों की क्षमता के आधार पर सीमित किया जायेगा।
सरकार ने सामाजिक उद्धेश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बचत योजनाओं पर एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। दिनांक 01-04-2016 से राष्ट्रीय बचत योजनाओं पर निम्न सुधार लागू होंगे :-
एक : 25 बीपीएस की एक वर्ष, दो वर्ष, तीनवर्ष की सावधि जमा योजना, किसान विकास पत्र और पांच वष्र्ाीय आवर्ति जमा योजना जिसकी तुलनात्मक अवधि सरकारी प्रतिभूतियों से अधिक हैं, को दिनांक :01-04-2016 से हटा दिया गया हैं। इसका मुख्य प्रयोजन सभी लघु बचत योजनाओं की ब्याज की दर को बैंकों की ब्याज दरों के समकक्ष लाना है। ऐसा करने से ब्याज की दरों में एकरुपता आयेगी जिसका अंतत: लाभ वेतन भोगी और अल्प आय वाले नागरिकों को मिलेगा।
दो: दिनांक 01-04-2016 से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की गणना त्रैमासिक आधार पर की जायेगी और इन्हें सरकारी प्रतिभूतियों पर मिलने वाले ब्याज की दर के समकक्ष लाया जायेगा।
तीन: दस वर्षीय अवधि के राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, जिन्हें 20-12-2015 से बंद कर दिया गया है, पांच वर्षीय राष्ट्रीय प्रमाण पत्र और किसान विकास पत्र जिन पर चक्रवर्ती ब्याज की गणना द्वि वर्षीय आधार पर की जाती है, वह दिनांक 01-04-2016 से एक वर्षीयआधार पर की जायेगी।
चार: कुछ विशेष कारण जिनमें गम्भीर बिमारी या बच्चों की उच्चा शिक्षा के कारण फंड़ की आवश्यकता होगी, पीपीएफ अकांअंट को परिपक्कता अविध के पूर्व बंद करने की अनुमति दी जायेगी, परन्तु कुल जमा राशि पर एक प्रतिशत की दर से पेनल्टी लगार्इ जायेगी। पीपीएफ से फंड निकासी तभी सम्भव है, जब इसे चालू करने की तिथि से पांच वर्ष की समयावधि पूर्ण कर ली हो।
यहां इस बात को ध्यान रखना आवश्यक है कि सभी लघु बचत योजनाओं पर त्रैमासिक आधार पर ब्याज देय होगा, जैसे अप्रैल से जून तक की समयावधि के ब्याज की अधिसूचना मार्च में जारी कर दी जायेगी। सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना, मासिक आय बचत योजनाओं को सामाजिक विकास और समाजिक सुरक्षा के लक्ष्य को ध्यान में रख कर बनार्इ गर्इ है।
सरकारी सेक्टर की परिपक्कता योजानाओं जो क्रमश: 75 बीपीएस, 100 बीपीएस, 25 बीपीस है, की ब्याज दरों में कोर्इ परिवर्तन नहीं किया गया है। इसी तरह सरकारी क्षेत्र की 25 बीपीएस वाली दीर्घ अवधि जमा योजना, पंच वर्षीय सावधि जमा योजना, पांच वर्षीय राष्ट्रीय प्रमाण प़त्र पब्लिक प्रोविडेंट फंड़ की परिपक्कता अवधि को तुलनात्मक रुप से पूर्ववत रखा है।
यह दीर्घकालिन बचत को प्रोत्साहित करेगा। ये परिवर्तन राष्ट्रीय बचत योजनाओं को बाजार उन्मुख बनाने के उद्धेश्य से किया गया है, जो कि पूर्णतया देश के आर्थिक विकास से संबंधित है, जिसका लक्ष्य नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें दीर्घकालिन बचत के लिए प्रोत्साहित करना है।