बाकियों से ज्यादा प्रीमियम क्यों दे रहे हैं आप?
आप यह सुनकर चौंक जायेंगे, जब आपको पता चलेगा कि आपका पक्का दोस्त, जिसने उसी वक्त पॉलिसी ली थी, जब आने ली थी, आपसे कम प्रीमियम भर रहा है, जबकि उसका लाइफ कवर भी उतना ही है, जितना आपका!
खैर कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है! बहुत साने मानक हैं, जो तय करते हैं कि बीमा करवाने के बाद आपको कितना प्रीमियम भरना होगा। इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिये, कुछ तथ्य हैं, जिन पर हम चर्चा करने जा रहे हैं और आप यह भी पता कर सकेंगे कि आपका प्रीमियम कितना होगा:
उम्र
बीमा कंपनी के लिये सबसे पहला कारक उम्र होता है, जिसके आधार पर प्रीमियम की गणना की जाती है। समझाने के लिये: 35 साल के व्यक्ति की तुलना में एक 25 साल के व्यक्ति को कम प्रीमियम देना होगा, क्योंकि दूसरे को गंभीर बीमारी लगने का चांस पहले की तुलना में कम होता है। आपका जीवन लगभग कितना और बचा है, इसका प्रभाव आपके लाइफ कवर पर पड़ता है।
लिंग
सामान्य रूप से और वैज्ञानिक रूप से महिलाओं का जीवन पुरुषों की तुलना में ज्यादा लंबा होता है। इसलिये पुरुष की लाइफ को कवर करने पर रिस्क महिला की तुलना में ज्यादा होगा। इसीलिये अगर महिला और पुरुष एक ही उम्र के हों, तो बीमा कंपनियां महिला से कम प्रीमियम लेंगी।
लाइफस्टाइल
चिकित्सीय रूप से यह स्थापित हो चुका है कि धूम्रपान और शराब का सेवन करने से गंभीर बीमारियों के लगने की आशंका ज्यादा प्रबल रहती है। और अगर लग गई, तो बहुत तेजी से बढ़ती है। इसलिये बीमाकर्ता के लिये यहां पर रिस्क फैक्टर ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर आपको ऐसी आदतें हैं तो आपका प्रीमियम सामान्य व्यक्ति की तुलना में ज्यादा होगा। जो लोग स्वस्थ्य जीवन यापन करते हैं कंपनी उनसे कम प्रीमियम लेती है।
परिवार का चिकित्सीय इतिहास
कुछ बीमारियां जैसे कैंसर, अल्जाइमर, हृदय रोग और मधुमेह, आदि हैं, जो परिवार के लगभग हर सदस्यों को होती है और पीड़ी दर पीड़ी चली आ रही होती है। इसलिये यदि आपके परिवार का इतिहास कुछ ऐसा है, तो बीमा कंपनी आपसे ज्यादा प्रीमियम ले सकती है।
वर्तमान में आप
बीमा कवर प्रदान करने से पहले कंपनी आपका वर्तमान स्वास्थ्य चेक करती है। इसमें आम तौर पर पूर्ण चिकित्सीय परीक्षण होता है। वे वजन, लंबाई, रक्तचाप, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन और न्यूट्रीयंट्स डिफिशियंसी, और अन्य स्वास्थ्य चेकअप शामिल हैं। इस प्रक्रिया को 'अंडरराइटिंग' कहते हैं और इससे बीमा कंपनी को रिस्क का आंकलन करने में मदद मिलती है।
बीमा योजना के प्रकार
आपका का प्रीमियम काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सी पॉलिसी खरीदी है और आपको कब तक उस योजना के लिए प्रीमियम भरना होगा। हालांकि यूलिप प्रोग्राम आपके पैसे को बढ़ाने का पूरा प्रयास करते हैं।
अन्य खास कारक
उपरोक्त कारणों के अलावा कुछ छोटे-छोटे कारण आपकी इस प्रीमियम पॉलिसी को प्रभावित करते हैं जैसे कि बैंकों में निवेश वगैरह-वगैरह। वैसे मुख्य बात तो यही है कि आप का प्रीमियम सबसे ज्यादा इसी बात पर निर्भर करता है कि आपने पॉलिसी कौन सी ली है।
जिज्ञासाओं का अंत ना करें
कहते हैं ना जिज्ञासा का अंत ना होने दीजिये क्योंकि यही आपको संदेहों से बचाती है इसलिए कोई भी पॉलिसी लेते वक्त अपने सारे संदेहों को दूर कीजिये और हर सवाल का जवाब मिलने के बाद ही उसे खरीदिये।