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जानिए क्या होती है ग्रच्युटी जो कटती है सैलरी से

By Ajay Mohan
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किसी कंपनी में काम करने के दौरान कर्मचारी के वेतन का एक भाग ग्रेच्युटी (उपदान) के रूप में काटा जाता है। शुरूवाती दौर में यह स्वयं की इच्छा से किया जाता है और पूरी तरह से कर्मचारी पर निर्भर करता है। ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972 में प्रत्येक कंपनी, जिसमें दस से अधिक कर्मचारी हैं, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य है। इस अधिनियम में कर्मचारी वह हैं जिन्हें कंपनी वेतन पर रखती है। ग्रेच्युटी कर्मचारी के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि के आधार पर दी जाती है।

 
जानिए क्या होती है ग्रच्युटी जो कटती है सैलरी से

चलिए जानते हैं, भारत में ग्रेच्युटी या उपदान की योग्यता, भुगतान विकल्प और उपदान अधिनियम के बारे में।

 

1) योग्यता

जब किसी व्यक्ति ने एक कंपनी में 5 साल गुज़ार लिए हो तब उसे ग्रेच्युटी का फ़ायदा मिलता है। हालांकि, यह लाभ किसी की मौत या विकलांगता पर नहीं मिलता है। इस सूरत में ग्रेच्युटी की राशि नॉमिनी या कानूनी वारिस को मिलती है।

2) कैल्क्युलेशन

कर्मचारी के ग्रेच्युटी का कैल्क्युलेशन ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972 के तहत कवर किया जाता है। जब कोई कर्मचारी इस कानून के तहत कवर किया जाता है, तो उसकी 15 दिनों के वेतन या मजदूरी को, जितने साल काम किया है, उसे मल्टीप्लाई किया जाता है।

मान लीजिये जैसे ग्रेच्युटी = अंतिम बेसिक सैलरी x15/26 x सेवा के वर्ष।

यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी 6000 रुपए है और आप कंपनी में 8 साल बाद नौकरी छोड़ते हैं, तो आपको मिलने वाली ग्रच्युटी होगी= (6000X15/26) X 8 = 27,693 रुपए।

3) टैक्सेशन

निजी कर्मचारियों को जब ग्रेच्युटी उनके नौकरी करते वक़्त मिलती है, तो उनकी ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है और वह उनके वेतन के अंतर्गत आता है। लेकिन सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी उनकी रिटाइअर्मन्ट, मृत्यु या पेंशन के तौर मिलती है और उस पर टैक्स भी नहीं लगता है।

4) ग्रेच्युटी की राशि के भुगतान का समय

  • पेंशन या सेवानिवृत्ति होने पर
  • इस्तीफे होने पर
  • निष्कासन होने पर
  • दुर्घटना या बीमारी की वजह से मौत या अपंगता के कारण
  • छंटनी होने पर
  • स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर

4) आवशयक सुचना

कंपनी को ज्वाइन करते वक़्त कोई भी व्यक्ति "एफ" फॉर्म भर कर, अपने घर के किसी भी सदस्य को नामांकित कर सकता है। और अगर कंपनी नुक्सान में चल रही है तो भी उसे ग्रेच्युटी राशि का भुगतान करना होगा।

ग्रेच्युटी में टैक्स की पूरी तरह छूट नहीं मिलती है जब तक आपकी धन राशि 10 लाख रुपये से ज्यादा ना हो। और अगर आप पांच साल से पहले किसी कंपनी को छोड़ ने का सोच रहें हैं तो एक बार फिर सोच लें, क्योंकि हो सकता है इससे आप अपना बहुत बड़ा नुक्सान कर बैठें।

English summary

Gratuity Benefits: 4 Smart Things to Know for Employed Individuals

Gratuity is a cash benefit offered by an employer to his employee for rendering service in his company. Let us understand more about the eligibility, payment option and more on Gratuity Act in India.
Story first published: Wednesday, June 24, 2015, 17:45 [IST]
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