6 बातें जो सोने के गहने खरीदते वक्त रखें ध्यान
शादी ब्याह हो या कोई फंशन, हर महिला चाहती है कि वो बदल-बदल कर गहने पहने, लेकिन जब सोने की बात आती है, तो संख्या सीमित हो जाती है। खैर अगर आप सोने के गहने खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जरूर जाइये, लेकिन कुछ बातों का ध्यान जरूर रहे, क्योंकि आपके गहने महज साज-सज्जा की वस्तु नहीं, एक निवेश भी है।
देश के अलग-अलग भागों में सोने का रंग बदल जाता है। उत्तर भारत में सुनहरा रंग जहां खिला हुआ मिलेगा, वहीं दक्षिण में गहनों पर पीलापन दिखाई देगा। ऐसे में कई लोग सोने की क्वालिटी को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। खैर आप निम्न बातें ध्यान में रख कर फ्रॉड से बच सकते हैं।
सोने के दाम
सोने का सिक्का हो या गहने, या फिर कोई और वस्तु, खदीने के लिये बाजार जाने से पहले सोने के दाम जरूर चेक करें। जब सोने के दाम नीचे जायें, तब खरीदना ज्यादा बेहतर रहेगा।
कितने कैरट के हैं जेवर
खरीदने से पहले गहनों पर चेक कर लें कि सोना 22 कैरट का है या 24 कैरट का। 22 कैरट का मतलब सोने की शुद्धता 74 फीसदी तक है। बाकी के 25 प्रतिशत अन्य धातु हैं।
सुनार की दुकान की रेप्युटेशन
किसी भी गली-नुक्कड़ पर बनी सुनार की दुकानों से छोटा-मोटा आइटम तो लेना ठीक रहता है, लेकिन अगर आप महंगे गहने लेने जा रहे हैं, तो ज्वेलरी शॉप की रेप्युटेशन जरूर चेक कर लें। अगर नामचीन ब्रांड हो, तो बेहतर रहता है, क्योंकि वो आपके गारंटी की पक्की रसीद देते हैं।
हॉलमार्क ज्वेलरी
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की नियमावली के अनुसार गहनों पर हॉलमार्क का निशान अनिवार्य होता है। अगर हॉलमार्क का निशान है, यानी वह अंतर्रार्ष्टीय नियमों के तहत बनायी गई है।
मेकिंग चार्ज
गहने खरीदने से पहले मेकिंग चार्ज जरूर चेक कर लीजिये। और रसीद पर लिखवा भी लीजिये कि गहनों का मेकिंग चार्ज कितना है। आम तौर पर यह अलग-अलग दुकानों पर अलग होता है।
मेल्टिंग व अन्य चार्ज
कई ज्वेलर्स मेल्टिंग व अन्य चार्ज भी लगाते हैं। यह जरूर पता कर लें कि वेस्टेज चार्ज कितना लगाया गया है। क्योंकि कोई भी दुकानदार घाटे का सौदा नहीं करता। अगर आपसे वो कह रहा है कि वेस्टेज शुल्क शून्य है, तो इसका मतलब सोने में कहीं न कहीं उसने अतिरिक्त मुनाफा निकाल लिया है। हो सकता है मिलावट करके।