2014 में रियल इस्टेट- ईएमआई पर जायें या किराये के मकान में
अगर पिछले साल बाजार के रुख पर किये गये सर्वेक्षण पर नजर डालें तो सरकार ने पहली बार मकान खरीदने वालों का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिये बहुत कम कदम उठाये। इसकी वजह से होम लोन लेने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। होम लोन पर एक्जेम्प्शन लिमिट भी 1.5 से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दी गई। इसके बाद से साफ हो गया कि मकान खरीदना अब भावनात्मक निर्णय नहीं रह गया। खास तौर से उन लोगों के लिये जो पहली बार मकान खरीदने जा रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में रियल इस्टेट में कीमतों में गिरावट के चलते मकानों की जमकर बिक्री हुई और उन कीमतों पर जिन पर एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति वाहन कर सके। क्रीडाई की रिपोर्ट के अनुसार 30 लाख से 60 लाख के बीच की कीमतों की सबसे ज्यादा सेल पिछले साल हुई।
इसके अलावा सरकार द्वारा लाये गये नये नियमों, सिंगल विंडो क्लियरेंस, पारदर्शिता, टैक्स में छूट और व्यक्तिगत व्यवहार के चलते इस क्षेत्र में और भी बूम आने की संभावना है।
मकान खरीदने वाले लोग अपनी पसंदीदा जगह पर मकान खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं और इसका उन्हें बड़ा लाभ भी मिलता है। अगर भविष्य की बात करें तो मकानों की कीमतों में अगले तीन सालों में जबर्दस्त इजाफा होने वाला है।
ऐसे में बेहतर होगा अगर मकान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो स्मार्ट तरीके को अपनाइये। अगर आप किराये पर रह रहे हैं और आपको मकानमालिक की झिकझिक सुननी पड़ती है और तो और किराया भी हर साल बढ़ जाता है, तो सबसे पहले यह कैलकुलेट करिये कि अगले तीन साल में आप कितना किराया देंगे और फिर आप अपनी ईएमआई को कैलकुलेट कीजिये। उसी के आधार पर आप निर्णय लीजिये।
आने वाले बजट और चुनाव के चलते आने वाले समय में लोग मकान का किराया देने के बजाये ईएमआई देना ज्यादा प्रिफर करेंगे। क्योंकि एक तरफ लॉजिक है और दूसरी तरफ सेंटीमेंट।
अगर कंपनी की बात करें तो डीएलएफ आपको आपके बजट में मकान खरीदने के अवसर प्रदान कर रहा है। खास बात यह है कि अगर लोन महिला के नाम पर है तो ब्याज पर 0.25 प्रतिशत की छूट मिलेगी*।
* सब्जेक्ट टू वैलिडिटी।
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