चीन से तना-तनी के बीच रिलायंस ने नौसेना को सौंपे दो जंगी जहाज
इन जहाजों का निर्माण भारत में ही हुआ है और अब ये भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे।
मेक इन इंडिया योजना से भारत की नौसेना को और मजबूती मिल गई है। स्वदेशी कंपनी रिलायंस डिफेंस ने भारतीय नौसेना के लिए दो गश्ती जंगी जहाजों का निर्माण किया है। ये जहाज भारतीय जल सीमा की सूदूर इलाकों तक ग्श्त लगा सकते हैं और किसी भी खतरे से निपट सकते हैं। इन जहाजों का निर्माण भारत में ही हुआ है और अब ये भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे। जहाज आधुनिक संचार प्रणाली और सोनार से लैस है। इस तरह के गश्ती जहाज समुद्री लुटेरों और दुसरे देशों के घुसपैठिए जहाजों का पता लगा कर उन्हें खत्म करने की क्षमता रखते हैं।
गश्ती जहाज के नाम हैं साची और श्रुति
रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आरडीईएल) ने गुजरात के पीपावाव शिपयार्ड में पहले दो नौ सैनिक गश्ती जहाज (एनओपीवी) को लांच किया। ये जहाज भारतीय नौसेना के लिए पांच जहाज निर्माण परियोजना के हिस्सा हैं। दोनों गश्ती जहाज- साची और श्रुति- को वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा, वीपीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की पत्नी प्रीति लूथरा ने लांच किया।
समुद्री सीमा सुरक्षा होगी और मजबूत
अपतटीय गश्ती जहाज सामान्यत: देश के विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की निगरानी का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त जहाज पायरेसी विरोधी गश्ती, बेड़ों को समर्थन, अपतटीय परिसम्पत्तियों की समुद्री रक्षा, तटीय सुरक्षा तथा नौवहन मार्ग की रक्षा का काम भी करते हैं। एनओपीवी भारतीय नौ सेना की समुद्री निगरानी और गश्ती क्षमता को बढ़ाएंगे।
नेवी की अपील समय पर पूरी हों परियोजनाएं
फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने कहा कि हमने कई अच्छे जहाज बनाये है और उतारे हैं फिर भी हमारे शिपयार्डों को गुणवत्ता, उत्पादकता के वैश्विक मानक हासिल करने के उद्देश्य से परिवर्तन के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाएं नियत समय में पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के अतिरिक्त शिपयार्डों को निर्यात पर भी ध्यान देना चाहिए।
नेवी ने की रिलायंस डिफेंस के कर्मचारियों की सराहना
फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड और कंपनी के कर्मियों तथा नौ सेना के जहाज निरीक्षण तथा गुणवत्ता आश्वासन दल को उनके प्रयासों के लिए सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निकट भविष्य में साची और श्रुति भारतीय नौ सेना में शामिल किए जाएंगे।