दंतकाति के आगे फीकी पड़ गई कोलगेट की चमक
जब से मार्केट में बाबा रामदेव के पतंजलि के स्वदेशी प्रोडक्ट आए हैं तब से भारत में लोगों ने बांकी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना कम कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर कोलगेट की बिक्री पर हुआ है।
जब से मार्केट में बाबा रामदेव के पतंजलि के स्वदेशी प्रोडक्ट आए हैं तब से भारत में लोगों ने बांकी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना कम कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर कोलगेट की बिक्री पर हुआ है। टूथब्रश और टूथपेस्ट के कारोबार में देश की सबसे बड़ी कंपनी कोलगेट पामोलिव के ग्लोबल सीईओ इयान कुक ने माना है कि भारत में उन्हें पतंजलि से कड़ी चुनौती मिली रही है। कुक ने मुंबई में कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए उपनिवेशकों से यह बात कही।
कोलगेट के शेयरमार्केट में 1.8 फीसदी की गिरावट
पतंजलि से कड़ी टक्कर के चलते भारत में कोलगेट कंपनी के टूथपेस्ट शेयर मार्केट में 1.8 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के दौरान कोलगेट की बिक्री में करीब 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि भारत में उपभोक्ता पतंजलि के उत्पादों की तरफ आकार्षित हो रहे हैं।
राष्ट्रवादी नजरिए से काम करता है पतंजलि
कोलेगेट के CEO कुक ने कहा कि भारत में पतंजलि अपने कारोबार को बेहद राष्ट्रवादी नजरिए से पेश करती है। लोकल मार्केट में यही कॉन्सेप्ट है। वे प्रीमियम प्राइस पर फोकस करते हैं। उन्होंने ने कहा कि ऐसे मुकाबलों में आखिर में जीत उन कंपनियों के हाथ लगती है जो कस्टमर को सबसे अच्छे तरीके से समझती है और उनके मुताबिक प्रोडक्ट्स ऑफर करती है। इसी स्ट्रैटजी पर हमें अब काम करना है।
कोलगेट अभी भी है नंबर 1
पतंजलि से मिल रही कड़ी चुनौती के बाद भी भारत में कोलगेट नंबर 1 पर बना हुआ है। कंपनी का टूथपेस्ट बाजार में 55.6 फीसदी और टूथब्रश के बाजार में 47.3 फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन जिस तेजी से पतंजलि के प्रोडक्ट की मांग बढ़ी रही है उसके देखते हुए यह आंकड़ा बदल सकता है।
2 लाख दुकानों पर ही बिक रहा है पतंजलि का दंतकांति
अगर सभी के आंकड़ों पर नजर डाले तो अभी सिर्फ 2 लाख दुकानों पर ही पतंजलि का दंत कांति पेस्ट बिक रहा है। जबकि कोलगेट की पहुंच 50 लाख दुकानों तक है। कोलगेट के मुकाबले सिर्फ 4 फीसदी दुकानों तक पहुंचने के बावजूद पतंजलि ने कोलगेट के बाजार को हिला दिया है। इन सबका श्रेय जाता है बाबा रामदेव की प्रसार व्यवस्था को।
10,000 करोड़ रुपए की कंपनी बन चुकी है पतंजलि
पतंजलि काफी कम समय में 10,000 करोड़ रुपए की बन गई है। कंपनी ने स्वदेशी के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक कंपनी और तेजी से आगे अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाएगी। देशभर में पतंजलि के अपने करीब 12,000 स्टोर हैं।