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बेरोजगार से बड़ी समस्या है अर्ध बेरोजगारी: नीति आयोग

बेरोजगारी समस्या है लेकिन इसके बजाए सबसे गंभीर समस्या अर्ध बेरोजगारी है। क्योंकि इसमें एक काम को जो एक कर्मचारी कर सकता है, उसे प्राय: दो या तीन कर्मचारी करते हैं।

By Ashutosh
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देश के समक्ष बेरोजगारी के मुकाबले सबसे बड़ी समस्या 'अर्ध बेरोजगारी' है क्योंकि जिस काम को एक व्यक्ति कर सकता है, उसे प्राय: दो या उससे अधिक कर्मचारी करते हैं। नीति निर्माण से जुड़ी सरकार की शीर्ष संस्था नीति आयोग ने यह कहा है। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में कम रोजगार सृजित होने की कांग्रेस की आलोचना के बीच यह बात सामने आयी है। तीन साल 2017-18 से 2019-20 के लिए कार्य एजेंडा की मौसादा रिपोर्ट में नीति आयोग ने उच्च उत्पादकता और उच्च मजदूरी वाले रोजगार सृजन पर जोर दिया है।

 
बेरोजगार से बड़ी समस्या है अर्ध बेरोजगारी: नीति आयोग

इसमें कहा गया है, बेरोजगारी समस्या है लेकिन इसके बजाए सबसे गंभीर समस्या अर्ध बेरोजगारी है। क्योंकि इसमें एक काम को जो एक कर्मचारी कर सकता है, उसे प्राय: दो या तीन कर्मचारी करते हैं। मसौदा रिपोर्ट नीति आयोग की संचालन परिषद के सदस्यों को 23 अप्रैल को सौंपी गयी। परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं अन्य शामिल हैं, इसके अनुसार कुछ लोगों का मानना है कि भारत की वृद्धि रोजगारविहीन रही है, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) के बेरोजगारी के बारे में सर्वे में तीन दशक से अधिक समय से बार-बार कम और स्थिर दर की बात कही गयी है। देश में रोजगार की स्थिति के बारे में एनएसएसओ की सूचना को विश्वसनीय माना जाता रहा है।

 

उदाहरण देते हुए नीति आयोग ने कहा कि एनएसएसओ के सर्वे के अनुसार 2011-12 में 49 प्रतिशत कार्यबल कृषि क्षेत्र में लगे थे लेकिन देश के मौजूदा कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान केवल 17 प्रतिशत था। दूसरा 2010-11 में देश के विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े 72 प्रतिशत कर्मचारी 20 से श्रमिकों वाली इकाइयों में कार्यरत थे पर विनिर्माण क्षेत्र के कुल उत्पादन में उनका योगदान केवल 12 प्रतिशत था। एनएसएसओ के 2006-07 के सेवा क्षेत्र की कंपनियों के सर्वे के अनुसार सेवा उत्पादन में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले 650 बड़े उपक्रमों में सेवा क्षेत्र के कुल कर्मचारियों का केवल 2 प्रतिशत कार्यरत है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेवा क्षेत्र की शेष कंपनियां क्षेत्र में कार्यरत 98 प्रतिशत कर्मचारियों को रोजगार दे रही हैं लेकिन सेवा उत्पादन में उनका योगदान केवल 62 प्रतिशत है. चीन के उम्रदराज होते कार्यबल का उदाहरण देते हुए नीति आयोग ने उस देश में काम करने वाली बड़ी कंपनियों को भारत में आकर्षित करने पर जोर दिया जहां प्रतिस्पर्धी मजदूरी पर बड़े कार्यबल उपलब्ध हैं।

आयोग के अनुसार दक्षिण कोरिया, ताइवान, सिंगापुर और चीन जैसे कुछ ऐसे देश हैं जो तेजी से स्वयं को रूपांतरित करने में कामयाब हुए हैं। उनका अनुभव बताता है कि विनिर्माण क्षेत्र तथा व्यापक वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की काबिलियत कम और अर्ध-कुशल कामगारों के लिए बेहतर वेतन वाले रोजगार सृजित करने के लिए जरूरी है।

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English summary

Semi Unemployment Is More Serious Issue Than Unemployment

Semi Unemployment Is More Serious Issue Than Unemployment Says Niti Aayog,
Story first published: Monday, May 29, 2017, 17:27 [IST]
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