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PM मोदी की 'कालाधन खत्म' करने की मुहिम को लगा बड़ा झटका!

स्विस सरकार ने कहा है कि यदि भारत सरकार ने कालाधन रखने वालों की सूचना सार्वजनिक की तो वह नामों की सूची देन बंद कर देगी।

By Ashutosh
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हाल ही में स्विट्जरलैंड ने भारत सरकार को आश्वासन दिया था कि वह कालाधन रखने वालों की जानकारी भारत को 2018 के अंत तक सौंपना शुरु कर देगा लेकिन अब इस मामले में स्विस सरकार ने एक पेंच अटका दिया है। कालेधन पर स्विट्जरलैंड से मिलने वाली जानकारियों को लेकर भारत को धक्का लग सकता है। दरअसल, स्विट्जरलैंड ने कहा है कि अगर कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर सकता है।

 

नाम जाहिर नहीं करने की शर्त

नाम जाहिर नहीं करने की शर्त

इसका मतलब ये है कि अगर सरकार ने कालाधन रखने वालों की सूचना सार्वजनिक की तो स्विस सरकार नामों की सूची देन बंद कर देगी और फिर भविष्य में शायद ही कभी किसी कालेधन से जुड़ी किसी तरह की सूचना भारत सरकार के साथ साझा कर।

पीएम मोदी की मुहिम को लगा झटका

पीएम मोदी की मुहिम को लगा झटका

इस पूरी घटना से पीएम मोदी की कालेधन के प्रति सर्जिकल स्ट्राइक को काफी धक्का लगा है। हालांकि सरकार को ऐसे लोगों के बारे में पूरी जानकारी होगी फिर भी यदि ऐसे नाम सार्वजनिक हो जाते तो जनता के सामने तथाकथित सफेदपोशों की असलियत सामने आ जाती।

अब नाम सार्वजनिक नहीं कर पाएगी मोदी सरकार
 

अब नाम सार्वजनिक नहीं कर पाएगी मोदी सरकार

वहीं भारत सरकार की योजना थी कि वह स्विस सरकार से मिले नामों को सार्वजनिक करे ताकि देश को इसके बारे में जानकारी मिल सके। यदि ऐसा होता तो भारत में कालाधन जमा करके रखने वाले लोगों को पूरी तरह से सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ता, सजा मिलती अलग। पर अब ऐसी किसी भी बात का उम्मीद नहीं की जा सकती है।

स्विस सरकार साझा करेगी नामों की लिस्ट

स्विस सरकार साझा करेगी नामों की लिस्ट

गौरतलब है कि एक समझौते के तहत स्विट्जरलैंड अपने यहां के बैंकों में जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को अगले साल से देने की स्वचालित व्यवस्था के लिए तैयार है। इस समझौते में भारत और अन्य देश शामिल हैं। स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विभाग एसआईएफ ने एक बयान में कहा- घरेलू वित्तीय संस्थाएं पहली बार इस साल आंकड़े एकत्रित कर रही हैं।

2018 से शुरू होगी प्रक्रिया

2018 से शुरू होगी प्रक्रिया

स्विट्जरलैंड के कर अधिकारी भागीदार देशों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान 2018 में करेंगे। एसआईएफ ने अपनी त्रैमासिक समाचार पत्रिका के ताजा अंक में लिखा है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सूचनाएं गलत हाथों में ना पड़ें या उनका दुरूपयोग ना हो। विभाग ने कहा, स्विट्जरलैंड उन सभी देशों और क्षेत्रों के साथ कर-संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है जो संबंधित शर्तों को पूरा करते हैं।

गोपनीय है जरूरी

गोपनीय है जरूरी

इस दृष्टि से इस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण बात है। कालेधन के खतरों से निपटने की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत स्विट्जरलैंड ने एक जनवरी 2017 से सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नियमों को प्रभावी बना दिया है। इसके तहत सूचनाओं का पहला आदान-प्रदान कुछ देशों के साथ अगले साल किया जाएगा जिनमें भारत भी शामिल है।

English summary

Switzerland Can Suspend Exchange Of Information About Suspected Black Money Hoarders

Switzerland has said it can suspend automatic exchange of information about suspected black money hoarders, if confidentiality isn't maintained.
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