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रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1 साल तक कारोबार करने पर रोक, ₹10000000000 जुर्माना भी लगा

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस पर अगले एक साल तक कारोबार करने पर सेबी ने रोक लगा दी है। सेबी ने ये रोक रिलायंस द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण लगाई है।

By Ashutosh
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देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस पर अगले एक साल तक कारोबार करने पर सेबी ने रोक लगा दी है। सेबी ने ये रोक रिलायंस द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण लगाई है। अब रिलायंस अगले एक वर्ष तक वायदा (डेरिवेटिव) बाजार में कारोबार नहीं कर सकेगी।

 

10 साल पुराना है मामला

10 साल पुराना है मामला

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कथित तौर पर धोखाधड़ीपूर्ण कारोबार करने के 10 साल पुराने एक मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज और 12 अन्य पर शेयरों में वायदा एवं विकल्प (डेरिवेटिव) कारोबार करने पर एक साल की रोक लगा दी है।

1,000 करोड़ का लगा जुर्माना

1,000 करोड़ का लगा जुर्माना

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इसके साथ ही मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को करीब 1,000 करोड़ रुपए के भुगतान करने का भी आदेश दिया है। हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि वह सेबी के इस आदेश को चुनौती देंगे।

मूल राशि और ब्याज का करना होगा भुगतान
 

मूल राशि और ब्याज का करना होगा भुगतान

रिलायंस इंडस्ट्रीज को सेबी ने इस मामले में 447 करोड़ रुपए की मूल राशि और उस पर 29 नवंबर 2007 से अब तक 12 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करने को कहा गया है। इस हिसाब से कंपनी को कुल करीब 1,000 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।

रिलायंस पेट्रोलियम से जुड़ा है मामला

रिलायंस पेट्रोलियम से जुड़ा है मामला

यह मामला रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम से जुड़ा है। रिलायंस पेट्रोलियम अब अस्तित्व में नहीं है। मामला रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों में वायदा एवं विकल्प (एफ एण्ड ओ) वर्ग में कथित तौर पर धोखाधड़ीपूर्ण कारोबार करने से जुड़ा है।

जी महालिंगम् ने दी 54 पन्नों की रिपोर्ट

जी महालिंगम् ने दी 54 पन्नों की रिपोर्ट

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम द्वारा जारी 54 पन्ने के आदेश में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और 12 अन्य इकाइयों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तरीके से शेयर बाजारों में एक साल तक वायदा एवं विकल्प कारोबार करने से रोक लगा दी गई है।

रिलायंस के अलावा 12 अन्य कंपनिया भी शामिल

रिलायंस के अलावा 12 अन्य कंपनिया भी शामिल

सेबी ने रिलायंस के अलावा जिन 12 अन्य कंपनियों को एक साल के लिए डेरिवेटिव कारोबार करने से रोका है, उनमें गुजरात पेटकोक एंड पेट्रो प्राडक्ट्स सप्‍लाई, आर्थिक कमर्शियल, एलपीजी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया, रेलपोल प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, फाइन टेक कमर्शियल, पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया, मोटेक सॉफ्टवेयर, दर्शन सिक्युरिटीज, रिलाजिस्टिक्स (इंडिया), रिलाजिस्टिक्स (राजस्थान), विनामारा यूनिवर्सल ट्रेडर्स और धरती इन्वेस्टमेंट एण्ड होल्डिंग्स. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को ब्याज सहित पूरी राशि 45 दिन के भीतर लौटाने को कहा गया है।

धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला

धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला

महालिंगम् ने कहा कि जो भी निर्देश दिया गया है वह बाजार में धोखाधड़ी के दायरे में ध्यान में रखते हुए दिया गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इससे पहले इस मामले को निपटाने का सेबी से आग्रह किया था, लेकिन सेबी ने इससे इनकार कर दिया था। रिलायंस पेट्रोलियम को बाद में रिलायंस इंडस्ट्रीज में मिला दिया गया था।

English summary

Sebi Bans RIL From Equity Derivatives Market For 1 Year

Sebi banned Reliance Industries and 12 others from equity derivatives trading for one year and directed the Mukesh Ambani-led firm to disgorge nearly Rs 1,000 crore.
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