G-20 देशों में भारत की ग्रोथ होगी सबसे तेज: मूडीज
जी-20 देशों में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा और यह 2017 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने यह अनुमान जताया।
जी-20 देशों में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा और यह 2017 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने यह अनुमान जताया।
मूडीज की रिपोर्ट
मूडीज ने कहा कि 2016 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी की वजह से सुस्ती आई। मूडीज ने कहा, ‘भारत के 2017 में जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहने का अनुमान है। 2017 में भारत की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहेगी।' हालांकि यह पूर्व के 7.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है। नोटबंदी की वजह से इसमें कमी गई है।
वैश्विक वृद्धि 3 फीसदी तक रहेगी
वैश्विक वृद्धि के बारे में मूडीज ने कहा कि 2017 और 2018 में यह तीन प्रतिशत रहेगी, जो कि 2016 में 2.6 प्रतिशत रही थी। हालांकि, अमेरिकी की नीति में बदलाव की संभावना से इसको लेकर अनिश्चितता है।
पूरी रफ्तार के साथ दौड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
वहीं हाल ही में अमेरिकी खूफिया थिंक टैंक ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि भारत साल 2017 में भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी रफ्तार के साथ दौड़ेगी। वहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत चोटए एशियाई देशों को आर्थिक मदद भी देता रहेगा जिससे एशिया महाद्वीप में भारत की साख और मजबूत होगी साथ ही एशिया में भारत का दबदबा भी बढ़ेगा।
पाकिस्तान में दम नहीं
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र था कि एशिया में सिर्फ चीन ही भारत को टक्कर दे सकता है वहीं पाकिस्तान के संबंध में रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में दम नहीं है कि वह भारत का मुकाबला कर सके।
इस साल भारत में बढ़ेगी बेरोजगारी
वहीं यूएन की एक रिपोर्ट भारत चिंता में डाल सकती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 में भारत में बेरोजगारी बढ़ेगी। संयुक्त राष्ट्र श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 और 2018 के बीच भारत में बेरोजगारी में मामूली इजाफा हो सकता है और रोजगार सृजन में बाधा आने के संकेत हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने '2017 में वैश्विक रोजगार एवं सामाजिक दृष्टिकोण' पर अपनी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार रोजगार जरूरतों के कारण आर्थिक विकास पिछड़ता प्रतीत हो रहा है और इसमें पूरे 2017 के दौरान बेरोजगारी बढ़ने तथा सामाजिक असामनता की स्थिति के और बिगड़ने की आशंका जताई गई है।