'टैक्स नहीं चुकाने वाले गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें'
जेटली ने कहा कि, देश में पिछले सात दशकों से रह रहे लोग इस सोच के साथ रह रहे हैं कि सरकार को टैक्स नहीं देना अनैतिक नहीं है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि देश को अब निचले दर के कराधान की आवश्यकता है, ताकि सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है। जेटली ने कहा, "हमें निचले दर के कराधान की जरूरत है, ताकि हम सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकें। प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है। आप सेवाओं में यह महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंगे।"
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स ना देने वालों को एक बार फिर चेताया है, उन्होंने कहा कि सही टैक्स भरना नागरिकों की जिम्मेदारी है और जो ऐसा नहीं करते हैं वह कठोर परिणाम के लिए तैयार रहें। जेटली ने कहा कि, देश में पिछले सात दशकों से रह रहे लोग इस सोच के साथ रह रहे हैं कि सरकार को टैक्स नहीं देना अनैतिक नहीं है।
जेटली ने कहा कि अतीत में कराधान की ऊंची दर के कारण बड़े पैमाने पर कर चोरी के मामले सामने आए। उन्होंने देश में कर अनुकूल माहौल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि प्रशासन को कर नियम बनाते समय निष्पक्ष रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "राजस्व प्रशासन को उनके निर्णयों या उनके नियमों की गुणवत्ता के आधार पर परखा जाता है।
राजस्व प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों की व्याख्या की गुणवत्ता उनके द्वारा बरती जाने वाली निष्पक्षता से परिभाषित होगी। कराधान कानूनों में कहीं भी अस्पष्टता नहीं है। देय करों की नागरिकों द्वारा अदायगी पर राजस्व प्रशासन को भी कर इसी तरह की प्रतिक्रिया देने की जरूरत है।"
जेटली ने कहा कि अधिकरियों को निष्ठा, ईमानदारी से काम करना चाहिए और नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि करों का भुगतान अर्थव्यवस्था के विकास का आधार है।
उन्होंने कहा, "करों का भुगतान नागरिकों के कर्तव्य का हिस्सा है।"
जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), जिसके अगले वित्त वर्ष से लागू होने की उम्मीद है, की नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि 'टैक्स कंवर्जेन्स' की प्रक्रिया जारी है और इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों का सहयोग आवश्यक है।