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पढ़ें नए नोट में रेडियोएक्टिव स्याही लगाए जाने की सच्चाई

आयकर विभाग को अपने हर छापे में 100 फीसदी सफलता इसलिए मिल रहा है क्योंकि नए नोटों में रेडियोएक्टिव स्याही लगी हुई है।

By Ashutosh
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नोट में चिप की अफवाहों के बीच अब एक नई खबर आई है, कुछ लोगों ने दावा किया है कि नोट में कोई चिप नहीं लगी बल्कि एक रेडियोएक्टिव स्याही लगी है। ये रेडियोएक्टिव स्याही होने के कारण इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी नोटों को ट्रैक कर ले रहे हैं और वहां से भारी मात्रा में नोटों की बरामदगी हो रही है।

 

सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर

सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर

दरअसल सोशल मीडिया पर किसी ने पोस्ट कर दिया कि आयकर विभाग को अपने हर छापे में 100 फीसदी सफलता इसलिए मिल रहा है क्योंकि नए नोटों में रेडियोएक्टिव स्याही लगी हुई है।

ये है थ्यौरी !

ये है थ्यौरी !

सोशल मीडिया पर इस अपने इस तर्क को और मजबूत करने के लिए लोगों ने रेडियोएक्टिव पदार्थों के यौगिक गुणों के बारे में लिखा है। एक पोस्ट में बताया गया है कि वास्तव में P32 एक रेडियोएक्टिव आइसोटोप है जिसमें फॉसफोरस के 15 प्रोटॉन्स और 17 न्यूट्रॉन्स होते हैं। इसे रेडियो एक्टिव इंक में बहुत ही कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है।

इसलिए मिलती है आयकर विभाग को सफलता!
 

इसलिए मिलती है आयकर विभाग को सफलता!

ये एक रेडियो एक्टिव टेप वार्निंग टेप की तरह काम करता है। जब अनुमति से ज्यादा करेंसी एक जगह इकट्ठा रखी गई हो तो रेडियो एक्टिव करेंसी , इस बात की जानकारी देता है। इसलिए आयकर विभाग को बड़ी मात्रा में नई करेंसी के एक जगह इकट्ठा होने की जानकारी देता है।

रेडियोएक्टिव स्याही!

रेडियोएक्टिव स्याही!

इसके अलावा लोगों ने एक और तर्क दिया है, 'आपको बता दें कि कई देशों में रेडियोएक्टिव स्याही का इस्तेमाल इंडिकेटर के लिए किया जाता है, जिससे किसी चीज को आसानी से खोजा जा सकता है।'

अफवाह हो सकती हैं रेडियोएक्टिव स्याही की खबरें

अफवाह हो सकती हैं रेडियोएक्टिव स्याही की खबरें

फिलहाल किसी सरकारी एजेंसी ने इस बात पर कोई जवाब दिया ना ही कोई पुष्टि की है, ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, फिर इसके दूसरे पहलू पर ध्यान दें तो पता चलेगा कि आयकर विभाग पहले की ही तरह काम कर रहा है और वह सिर्फ जरूरत से बहुत ज्यादा करेंसी निकालने वाले लोगों पर ही कार्रवाई हो रही है। आपको एक बार फिर बता दें कि, नई करेंसी नोट में रेडियो एक्टिव स्याही प्रयोग किए जाने के संबंध में किसी सरकारी एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

English summary

Radio Active Ink Theory Goes Viral

Read what is the truth behind Radioactive Ink Theory.
Story first published: Tuesday, December 13, 2016, 15:47 [IST]
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