इस देश में है कूड़े की कमी, आप चाहें तो बेच सकते हैं !
स्वीडन पर्यावरण का ख्याल रखने के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार है, इन दिनों वहां कूड़े की कमी चल रही है, इसलिए वह दूसरे देशों से कूड़ा खरीदकर बिजली पैदा करने की जरूरत पूरी कर रहा है।
क्या आपने कभी सुना है कि किसी ने कूड़ा बेचा है। आप भी कहेंगे भला कूड़ा भी कोई बेचने की कोई चीज है, लेकिन ये सच है अब एक देश है जो कूड़ा खरीदने की फिराक में है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस देश में कूड़ा ना के बराबर है और वह अब कूड़ा खरीदने में जुट गया है।
वह देश है स्वीडन। स्वीडन पर्यावरण का ख्याल रखने के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार है, लेकिन इन दिनों वहां कूड़े की कमी चल रही है, इस कमी की पूर्ति के लिए वह दूसरे देशों से कूड़ा खरीदकर बिजली पैदा करने की जरूरत पूरी कर रहा है।
वह कूड़े का आयात अपने 'स्टेट ऑफ द आर्ट प्लांट' को चालू रखने के लिए कर रहा है। दरअसल यहां ज्यादा ठंड पड़ने के दौरान कूड़े को जलाकर राष्ट्रीय हीटिंग नेटवर्क के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे अत्यधिक ठंड में यहां के घरों का तापमान रहने के अनुकूल रखा जा सके।
यहां ऐसा सिस्टम बनाया गया है, जिससे ठंड के दिनों में एक ही प्लांट सैकड़ों घरों का तापमान एकसाथ बढ़ाने का काम कर सके। बड़े-बड़े पाइपलाइन से हीट को घरों तक पहुंचाया जाता है। हीट पैदा करने के लिए वेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। यहां की सरकार ने ऐसी नीति बना रखी है, जिसके तहस ठंड के दिनों में यहां की प्राइवेट कंपनियों को भी वेस्ट और जलने वाला कूड़े का आयात करना होता है। स्वीडन अपने देश का कूड़ा जमीन में न के बराबर ही दबाता है।
पिछले साल उसके सिर्फ 1 प्रतिशत कूड़े को ही जमीन में दबाया और बाकी के कूड़े को अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में लगाया। स्वीडन दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने जीवाश्म ईंधन के आयात पर 1991 में सबसे ज्यादा टैक्स लगाए। यहां ऊर्जा की जरूरतों के लिए ज्यादातर प्रयोग ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से होता है।