एक महीने पहले पेश होगा आम बजट : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बजट एक माह पहले पेश किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजनाएं पहले से तेजी से लागू हो सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बजट एक माह पहले पेश किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजनाएं पहले से तेजी से लागू हो सकें। इसके साथ ही उन्होंने राज्यों से उसी के अनुसार अपनी योजनाएं तय करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टिप्पणी प्रो एक्टिव गवर्नेस एवं समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए बहुद्देश्यीय मल्टी मॉडल मंच 'प्रगति' का 16वीं बार उपयोग करते हुए की।
कैसा होगा बजट का स्वरूप
वित्त मंत्रालय बजट बनाने के पूरे कार्य को दुरुस्त कर रहा है। इसके तहत रेलवे के लिये अलग बजट पेश किये जाने की मौजूदा व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। बजट में उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा उपकरों का जिक्र न होने से बजट पत्र थोड़े हल्के हो सकते हैं।
पहली बार नहीं पेश हो रेल बजट
हाल ही में मोदी सरकार ने 1924 से चली आ रही रेल बजट पेश करने की रीति को खत्म कर दिया है। सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ दिया है। जानकारों का मानना है कि रेल बजट को आम बजट से जोड़ने पर रेल मंत्रालय और रेल मंत्री की साख पर थोड़ा फर्क दिखेगा।
GST में जुड़ा जाएंगे अप्रत्यक्ष कर
आपको बता दें कि, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर इन अप्रत्यक्ष करों को उसमें समाहित कर दिया जाएगा। साथ ही योजना और गैर-योजना व्यय में अंतर समाप्त हो सकता है और इसका स्थान पूंजी एवं राजस्व व्यय लेगा।
पीएमओ से जारी हुई विज्ञप्ति
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया है कि केंद्रीय बजट लगभग एक माह पहले पेश किया जाएगा ताकि परियोजनाओं एवं योजनाओं पर अमल में तेजी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया है कि अपनी योजनाएं इसके साथ पंक्तिबद्ध कर लें ताकि वे इसका अधिकतम लाभ ले सकें। सामान्य तौर पर केंद्रीय बजट हर वर्ष फरवरी के अंत में पेश किया जाता है।
लेखानुदान की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय का विचार है कि अगर प्रक्रिया जल्दी शुरू हो तो लेखानुदान पारित कराने की जरूरत नहीं होगी और पूरा बजट एक चरण वाली प्रक्रिया में 31 मार्च से पहले पारित होगा। सूत्रों ने कहा कि सरकार के पास बजट को जनवरी के अंतिम सप्ताह संभवत: 31 जनवरी को पेश करने तथा पूरी प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी करने का प्रस्ताव है।