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आखिर क्यों हटाए गए साइरस मिस्त्री ?

बिजनेस की दुनिया के बड़े घटनाक्रम में टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया है। उनकी जगह रतन टाटा को चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन नामित किया गया है।

By Ashutosh
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बिजनेस की दुनिया के बड़े घटनाक्रम में टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया है। उनकी जगह रतन टाटा को चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन नामित किया गया है। टाटा संस ने नए चेयरमैन की खोज के लिए पांच सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया है। इसके लिए उसे चार महीने का समय दिया गया है। मिस्त्री को हटाने का निर्णय यहां टाटा संस के निदेशक मंडल की बैठक के बाद किया गया। 48 वर्षीय मिस्त्री की जगह 78 वर्षीय रतन टाटा को कंपनी के अंतरिम चेयरमैन पद की जिम्मेदारी दी गई है।

 

चार साल पहले बने थे चेयरमैन

चार साल पहले बने थे चेयरमैन

समाचार एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक, मिस्त्री ने चार साल पहले इस विशाल कंपनी समूह के मुखिया का पद रतन टाटा से ही संभाला था। टाटा समूह नमक से लेकर सॉफ्टवेयर और इस्पात से लेकर वाहन विनिर्माण के क्षेत्र में काम करता है। देश-विदेश में फैले इस समूह का एकीकृत कारोबार 100 अरब डॉलर सालाना से ज्यादा है।

बोर्ड मीटिंग के बाद कंपनी ने हटाया

बोर्ड मीटिंग के बाद कंपनी ने हटाया

कंपनी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘टाटा संस ने बताया कि उसके निदेशक मंडल ने कंपनी के चेयरमैन साइरस पी मिस्त्री को हटा दिया है‌। यह निर्णय निदेशक मंडल की मुंबई में हुई बैठक में लिया गया।' निदेशक मंडल ने रतन टाटा को कंपनी का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है।

नए चेयरमैन का चुनाव कानून के अनुसार होगा
 

नए चेयरमैन का चुनाव कानून के अनुसार होगा

बयान में कहा गया है कि निदेशक मंडल ने एक चयन समिति का गठन किया है जो चार महीने में कंपनी के कायदे-कानून के अनुसार नए चेयरमैन के चयन का काम संपन्न करेगी। खोज समिति में रतन टाटा के अलावा,टीवीएस समूह के प्रमुख वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी के प्रबंध निदेशक अमित चंद्रा, राजनयिक एवं अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत रोनेन सेन तथा वार्बिक मैन्यूफैक्चरिंग ग्रुप के संस्थापक एवं चेयमैन तथा भारतीय प्रबंध संस्थान खड़गपुर से स्नातक लार्ड कुमार भट्टाचार्य को रखा गया है। भट्टाचार्य को छोड़कर चयन समिति के बाकी सभी सदस्य कंपनी के निदेशक मंडल के भी सदस्य हैं।

2011 में चेयरमैन बने थे मिस्त्री

2011 में चेयरमैन बने थे मिस्त्री

मिस्त्री को वर्ष 2011 में कंपनी में चेयरमैन रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था और उन्हें पहले डिप्टी चेयरमैन बनाया गया। टाटा संस के चेयरमैन पर दर मिस्त्री का चुनाव पांच सदस्यीय एक समिति ने किया था। मिस्त्री ने रतन टाटा के 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर उनकी सेवानिवृत्त के बाद 29 दिसंबर 2012 को चेयरमैन का पद भार संभाला था। मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल रहे हैं। कंपनी के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी ने कंपनी के चेयरमैन पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी।

 टाटा संस ने नहीं बताया हटाने का कारण

टाटा संस ने नहीं बताया हटाने का कारण

टाटा संस ने मिस्त्री को हटाने का कारण नहीं बताया है। उन्होंने बहुत धूमधड़ाके के साथ कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी पर माना जा रहा है कि घाटे में चल रही कंपनियों को छांटने और केवल लाभ देने वाले उपक्रमों पर ही ध्यान देने के उनके दृष्टिकोण से कंपनी में अप्रसन्नता थी। इनमें यूरोप में घटे में चल रहे इस्पात करोबार की बिक्री का मामला भी शामिल है।

'मिस्त्री का काम टाटा की सोच के विपरीत'

'मिस्त्री का काम टाटा की सोच के विपरीत'

समूह के कुछ कारोबारों के सामने प्रस्तुत ‘चुनौतीपूर्ण स्थितियों' के बीच कड़े निर्णय लिए जाने की जरूरत है।' यह रतन टाटा के समय उठाए गए कदमों के विपरीत है। उनके समय में वर्ष 2000 में टाटा टी ने 45 करोड़ डॉलर में टेटली, 2007 में टाटा स्टील ने 8.1 अरब डॉलर में स्टील निर्माता कोरस और 2008 में टाटा मोटर्स ने 2.3 अरब डॉलर में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया था। वर्ष 1991 में कंपनी का कारोबार 10,000 करोड़ रुपए था जबकि टाटा के कार्यकाल के दौरान 2011-12 में समूह की आय बढ़कर 100।09 अरब डॉलर (करीब 4,75,721 करोड़ रुपए) हो गयी।

डोकोमो से चल रहा कानूनी विवाद

डोकोमो से चल रहा कानूनी विवाद

इसके अलावा कंपनी के दूरंसचार क्षेत्र के संयुक्त उद्यम टाटा डोकोमो में जापानी कंपनी से अलग होने के मामले में भी डोकोमो के साथ कंपनी का एक कानूनी विवाद चल रहा है। टाटा संस टाटा उद्योग घराने की मुख्य धारक कंपनी है। सूत्रों के अनुसार समूह की कारोबारी कंपनियों में मुख्य कार्यकारी स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। समूह की ही एक संगठन पत्रिका को हाल ही में दिए साक्षात्कार में मिस्त्री ने कहा था कि समूह को ‘सही कारणों के चलते लिए गए कड़े निर्णयों से डरना नहीं चाहिए।

English summary

Tata Sons removes Cyrus Mistry as chairman

Tata Sons removes Cyrus Mistry as chairman, Ratan Tata interim chief, surprise announcement came after the Board meeting.
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