कौन हैं साइरस मिस्त्री, क्या है टाटा समूह ?
साइरस मिस्त्री टाटा समूह के ऐसे दूसरे चेयरमैन थे जो गैर टाटा सरनेम से थे। ऐसी ही कुछ दिलचस्प जानकारी हम आपको बताएं टाटा समूह और साइरस मिस्त्री के बारे में जो आप शायद नहीं जानते होंगे।
टाटा समूह ने साइरस मिस्त्री को हटा दिया है। साइरस मिस्त्री के हटने के बाद रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है। इसके साथ ही कंपनी जोर-शोर से नए चेयरमैन की तलाश में जुट गई है। साइरस मिस्त्री टाटा समूह के ऐसे दूसरे चेयरमैन थे जो गैर टाटा सरनेम से थे। ऐसी ही कुछ दिलचस्प जानकारी हम आपको बताएं टाटा समूह और साइरस मिस्त्री के बारे में जो आप शायद नहीं जानते होंगे।
कब हुई स्थापना
टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। आज यह एक वैश्विक कारोबारी समूह बन गया है और इसका मुख्यालय मुंबई में है। इसके तहत 100 से अधिक कंपनियां स्वतंत्र रूप से कारोबार कर रही है। वर्ष 2015-16 में इनका कुल कारोबार 103 अरब डॉलर था और दुनिया भर में इनमें 6.60 लाख से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।
चीन से शुरु हुआ था टाटा का बिजनेस
टाटा ने अपने बिजनेस की शुरुआत चीन और इंग्लैंड में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से की। बाद में भारत में अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर और विश्व-स्तरीय तकनीकियों का इस्तेमाल करते हुए बिजनेस की स्थापना की। टाटा ऐक्सपोर्ट (अब टाटा इंटरनेशनल) की स्थापना वर्ष 1962 में हुई थी और वर्तमान में टाटा कंपनियां अपने उत्पादों की निर्यात करती है और 150 से अधिक देशों को सेवाएं प्रदान करती है। वर्ष 2015-16 में, टाटा समूह का अंतर्राष्ट्रीय राजस्व 69.6 बिलियन डॉलर का था, जो इसके कुल राजस्व का 67.3 प्रतिशत था जहां ब्रिटेन और अमेरिका का योगदान मुख्य था
कितनी कंपनिया शेयर में लिस्टेट
समूह की 29 कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध हैं। 31 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार इनका शेयरों के बाजार मूल्य के हिसाब से कुल बाजार मूल्य 116 अरब डालर था। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर, टाटा केमिकल्स, टाटा ग्लोबल बिवरजेज, टाटा टेलीसर्विसेज, टाइटन, टाटा कम्यूनिकेशंस और इंडियन होटल्स इस समूह की कुछ प्रमुख कंपनियां हैं।
कौन हैं साइरस मिस्त्री
साइरस मिस्त्री का पूरा नाम साइरस पलोनजी मिस्त्री है। साइरस मिस्त्री का जन्म 4 जुलाई 1968 को हुआ था और उन्होंने लंदन के इंपीरियल कॉलेज ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड मेडिसन से सिविल इंजीयिरिंग में स्नातक किया। बाद में उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में परास्नातक किया।
आइरिश नागरिक हैं मिस्त्री
साइरस मिस्त्री एक आयरिश नागरिक, और भारत के एक स्थायी निवासी है। एक आयरिश अखबार द इंडिपेंडेंट की खबर के मुताबिक, मिस्त्री खुद को एक वैश्विक नागरिक के रूप में देखते है और अपने पासपोर्ट के रंग को महत्वहीन मानते हैं।
2011 में चुना गया चेयरमैन
मिस्त्री को वर्ष 2011 में कंपनी में चेयरमैन रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था और उन्हें पहले डिप्टी चेयरमैन बनाया गया। टाटा संस के चेयरमैन पर दर मिस्त्री का चुनाव पांच सदस्यीय एक समिति ने किया था। मिस्त्री ने रतन टाटा के 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर उनकी सेवानिवृत्त के बाद 29 दिसंबर 2012 को चेयरमैन का पद भार संभाला था। मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल रहे हैं। कंपनी के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी ने कंपनी के चेयरमैन पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी।
पिता की विरासत को आगे बढ़ाया
ऐसा दूसरी बार हुआ जब कमान गैर टाटा सरनेम वाले शख्स के हाथों में दी गई। उनसे पहले टाटा खानदान से बाहर के नौरोजी सक्लतवाला 1932 में कंपनी के प्रमुख रहे थे। साइरस के पिता पल्लोनजी मिस्त्री कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की दिग्गज हस्ती माने जाते हैं। मीडिया से दूर रहने वाले पल्लोनजी वर्षों तक भारत के 10 सबसे अमीर हस्तियों में शामिल रहे हैं। रतन टाटा ने उनको अपना काबिल उत्तराधिकारी कहा और 'द इकोनॉमिस्ट' ने तब भारत और ब्रिटेन का सबसे महत्वपूर्ण उद्योगपति करार दिया।
सॉफ्टवेयर से लेकर इस्पात तक बनाती है कंपनी
मिस्त्री ने चार साल पहले इस विशाल कंपनी समूह के मुखिया का पद रतन टाटा से ही संभाला था। टाटा समूह नमक से लेकर सॉफ्टवेयर और इस्पात से लेकर वाहन विनिर्माण के क्षेत्र में काम करता है। देश-विदेश में फैले इस समूह का एकीकृत कारोबार 100 अरब डॉलर सालाना से ज्यादा है।
मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया
टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया है। उनकी जगह रतन टाटा को चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन नामित किया गया है। 2021 में कंपनी के राजस्व को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ साइरस को कमान दी गई थी। उससे पहले 2006 से वे कंपनी के एक निदेशक के रूप में कार्यरत रहे। पूर्व में मिस्त्री शापूरजी पालोंजी समूह के प्रबंध निदेशक थे। मिस्त्री ने 1990 में लंदन की इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। 1997 में उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में एमएससी किया।
इन वजहों से हटाए गए मिस्त्री
- टाटा का टेलिकॉम बिजनेस भी घाटे में चल रहा है।
- टाइटन, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, इंडियन होटल, ट्रेन्ट और रैलीज इंडिया का प्रदर्शन औसत रहा
- पिछले 5 सालों में इनका कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट महज 4 फीसदी है।
- वित्त वर्ष 2016 में 27 लिस्टेड कंपनियों ने घाटा दर्ज कराया था। इसके अलावा 7 अन्य कंपनियां भी घाटे में थीं।
- 2015-16 में टाटा समूह का टर्नओवर गिरकर 103 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले साल में 108 अरब डॉलर था।
- अगस्त 2016 में टाटा मोटर्स के शेयर होल्डर्स ने शिकायत की थी कि एक शेयर पर 20 पैसे का डिविडेंड बहुत ही कम है। डिविडेंड बहुत ही कम मिलने से शेयरहोल्डर्स में नाराजगी थी।
- टाटा स्टील की हालत भी काफी खराब है। 2012 से ही कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है।
हटाए जाने का कारण नहीं बताया
टाटा संस ने मिस्त्री को हटाने का कारण नहीं बताया है। उन्होंने बहुत धूमधड़ाके के साथ कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी पर माना जा रहा है कि घाटे में चल रही कंपनियों को छांटने और केवल लाभ देने वाले उपक्रमों पर ही ध्यान देने के उनके दृष्टिकोण से कंपनी में अप्रसन्नता थी। इनमें यूरोप में घटे में चल रहे इस्पात करोबार की बिक्री का मामला भी शामिल है।