कुछ दिनों में कंगाल हो जाएगा पाकिस्तान, गले तक कर्ज में डूबा है आतंक का रहनुमा
भारत और पाकिस्तान में विवाद 1947 से ही शुरु हो गया था। फिर भी भारत ने पाकिस्तान की तरफ ध्यान देने की बजाय अपनी जरूरतों को समझा और अपने पैरों पर खड़ा होने में जुट गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि भारत आज दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन चुका है और हर तरह की मैन्युफैक्चरिंग में महारथ हासिल कर रहा है। वहीं पाकिस्तान कर्ज में डूबा हुआ है, उसके पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, विदेशी निवेश नदारद है और विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं है।
कर्ज डूबा देश
पाकिस्तान अपनी पूरी कमाई का 44 फीसदी कर्ज चुकाने में देता है। ये राशि सिर्फ कर्ज की किश्त चुकाने में ही खर्च हो जाती है। सरकारी बजट में रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है जिसके बाद बाकी चीजों के लिए पर्याप्त बजट नहीं बचता है। एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान पर मौजूदा वक्त में 50 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है जो कि भारतीय रुपयों के हिसाब से 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए के आस-पास बैठता है। इस बात की ज्यादा आशंका है पाकिस्तान शायद ही ये कर्ज चुका पाए।
एक कमजोर राष्ट्र
इसको ऐसे समझिए कि, पाकिस्तान का कुल बजट 8 लाख 43 हजार करोड़ रुपए है और उसे साढ़े छह लाख करोड़ रुपए सिर्फ कर्ज की किश्त चुकाने के लिए देना होता है। इस लिहाज से पाकिस्तान के पास कर्ज चुकाने के बाद कुछ बचता नहीं है। पाकिस्तान की 20 करोड़ से ज्यादा की आबादी पाकिस्तानी सरकार की इस आतंकपसंद नीति का खामियाजा भुगत रही है और मुफलिसी में जिंदगी गुजार रही है।
जीडीपी का बुरा हाल
वहीं जीडीपी के लिहाज से देखें तो पाकिस्तान पर कर्ज 160 अरब डॉलर से अधिक है और पाकिस्तान की पूरी अर्थ व्यवस्था महज 232 अरब डॉलर की है। 2008-09 के बाद से पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। हालत है ये कि पाकिस्तान का 44 फीसदी पैसा सिर्फ कर्ज की किश्त चुकाने में चला जाता है।
पाकिस्तान में ग्रीस जैसे हालात
विश्लेषकों की राय में पाकिस्तान इस वक्त बेहद खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है। पाकिस्तान की हालत ग्रीस और वेनेजुएला के जैसी हो गई है। पाकिस्तान अकेले आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर का कर्ज ले चुका है और उसकी मौजूदा हालत ऐसी नहीं है कि उसे कोई और कर्ज दे। IMF ने कई बार पाकिस्तान को उसकी आर्थिक नीतियों में बदलाव लाने के लिए कहा लेकिन आंतक को पालने वाले पाकिस्तान ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।