भारत में रेल की दशा सुधारने के लिए चीन ने किया 425 करोड़ डॉलर का निवेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना 'मेक इन इंडिया' को चीन का साथ मिला है। भारत में हाईस्पीड रेल को लेकर चीन ने दिलचस्पी दिखाई। चीन की कंपनी CRRC कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भारत में अपनी पहली इकाई खोलने के लिए 425 करोड़ रुपए यानि 6 करोड़ 34 लाख डॉलर का निवेश किया है।
चीन को भाया मेक इंन इंडिया
मेक इन इंडिया के तहत किसी विदेशी कंपनी का ये पहला प्रोजेक्ट है। चीन की हाई स्पीड ट्रेन निर्माता कंपनी ने संयुक्त उद्यम के रूप में भारत में स्थापित पहले कारखाने में उत्पादन कार्य शुरू कर दिया है। एक जानकारी के मुताबिक ये चीन से बाहर इस कंपनी की पहली परियोजना है।
हरियाणा में लगेगा प्लांट
चीनी कंपनी ने सीआरआरसी पॉयनियर (इंडिया) इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड के नाम से संयुक्त उद्यम के रूप में हरियाणा के बावल जिले में यह संयंत्र स्थापित किया है। परियोजना पर कुल 6.34 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है, जिसमें चीनी कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है।
भारतीय रेल की दशा सुधरेगी
इस संयंत्र में रेल डीजल इंजनों की मरम्मत होगी और नए इंजन भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा यह वर्तमान भारतीय रेलवे को प्रौद्योगिकीय मदद भी उपलब्ध कराएगा साथ ही तेल के कुओं की खुदाई में इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन की आपूर्ति करेगा, पवन ऊर्जा उत्पादन एवं खनन के उपकरणों का देश में ही उत्पादन भी करेगा।
बढ़ेगा रोजगार
सीआरआरसी के उपाध्यक्ष यू वेइपिंग ने कहा कि इस नए संयंत्र के कारण देश में रोजगार का सृजन होगा और राजस्व में वृद्धि होगी तथा स्थानीय लोगों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह औद्योगिकी क्षमता में समन्वय और स्थानीय उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देगा।
दुनिया का सबसे बड़ा हाईस्पीड रेल नेटवर्क
आपको बता दें कि चीन में दुनिया का सबसे बड़ा हाई स्पीड ट्रेनों का नेटवर्क है, साथ ही चीन ने बीजिंग से लेकर ल्हासा तिब्बत तक बुलेट ट्रेन चलाई है। ये चीन की हाईस्पीड ट्रेन की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक थी।
रेलवे विश्विविद्यालय में चीन देगा सहयोग
इसके अलावा चीन की कंपनी रेलवे यूनिवर्सिटी बनाने में भारत सरकार का सहयोग करेगी। भारतीय रेल के कई इंजीनियर इस वक्त चीन में हाई स्पीड रेल की तकनीक सीख रहे हैं और ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसके साथ ही चीन बैंगलूरू से चेन्नई रेल रूट के बीच ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की तकनीक साझा करेगा।