भारत में क्लब कैसे शुरू करें, कितना आएगा खर्च ?
भारत में क्लब शुरू करने से पहले आपको यह निर्धारित करना होगा कि आप कौन सा क्लब खोलना चाहते हैं और उसका नाम क्या होगा।
क्लब शुरू करने से पहले आपको यह निर्धारित करना होगा कि आप कौन सा क्लब खोलना चाहते हैं और उसका नाम क्या होगा। अक्सर क्लब लोगों की रुचि को ध्यान में रख कर खोले जाते हैं ताकि लोगों को क्लब की ओर आकर्षित किया जा सके। आम तौर पर क्लब, निम्नलिखित क्षेत्रों से जुडे होते हैं:
- खेल
- सामाजिकता
- वकालत
- व्यावसायिक विकास
- महत्वपूर्ण एवं जरूरी मुद्दों पर जागरूकता पैदा करना
- धर्म
- स्वयं सेवा
- संस्कृति
- सूचना साझा करना
- वित्त
नया क्लब शुरू करने के लिए स्थान कैसे चुनें
क्लब कहां खोलें, मन में यह सवाल उठना लाज़मी है। ध्यान रखें कि आपका क्लब लोगों की पहुंच से दूर ना हो तथा क्लब आने जाने में लोगों को अधिक दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके साथ क्लब कितने समय के लिए खुला रहेगा आपको इसका निर्णय भी लेना होगा। आपका क्लब रोज़ खुला रहेगा या हफ्ते के कुछ दिन या महीने के कुछ दिन खुला रहेगा इसे भी निर्धारित कर लें।
क्लब की भाग-दौड किसके हाथों में होगी?
क्लब की सही भाग-दौड़ के लिए आपको क्लब का अध्यक्ष चुनना होगा। अध्यक्ष क्लब का नेतृत्व संभालेगा। अध्यक्ष की प्रथम जिम्मेदारी बैठकों को सफल बनने की तथा नियमों को लागू करने की होगी। अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में क्लब को संभालने की जिम्मेदारी उपअध्यक्ष पर होगी। इन पदों को संभालने वाले व्यक्ति काफी भरोसेमंद एवं नियमों का पालन करने वाले होने चाहिए। क्लब का कप्तान सबसे प्रभावशाली सदस्य है। कप्तान पर क्लब का अध्यक्ष तथा उपअध्यक्ष दोनों बहुत भरोसा करते हैं और इसके पास किसी भी महत्वपूर्ण मामले पर राय देने का अधिकार है।
क्या है प्रक्रिया
क्लब में लेफ्टिनेंट्स का पद सबसे छोटा होता है। वह वरिष्ठ सदस्यों की अनुपस्थिति में नियमों को लागू कर सकता है तथा महत्वपूर्ण मामलों पर वोट दे सकते है। कप्तान उस पर भरोसा करता है तथा वह नए सदस्यों को क्लब से संबंधित विभिन्न मामलों में मार्गदर्शन कराता है।
सदस्यों की जिम्मेदारी
क्लब में दो तरह के सदस्य होते हैं- मुख्य सदस्य एवं अन्य सदस्य। मुख्य सदस्यों के पास मत देने का अधिक है जबकि अन्य सदस्यों के पास बहुत कम अधिकार होते हैं। क्लब का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों पर उतनी ही जिम्मेदारियां होनी चाहिए जितनी की वे निभा सकें। उन्हें अपने पद से मिले अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इससे क्लब के सदस्यों में असंतोष पैदा होगा तथा परिणामस्वरूप वे क्लब छोडकर भी जा सकते हैं।
क्लब की स्थापना के साथ जुड़े नियम
क्लब की स्थापना के साथ उसके नियम भी तय कर लेने चाहिए। क्लब के सभी सदस्यों को ध्यान में रख कर नियम बनाएं। नियमों का उलंघन करने पर दोषी को उचित दंड भी मिलना चाहिए। नियम अधिक कड़े भी नहीं होने चाहिए। सभी की सहमती के बाद ही नियमों को लागू किया जाए। समय के साथ इन में नए नियमों को भी जोड़ा जा सकता है लेकिन सदस्यों के परामर्श के बाद। क्लब के सही संचालन के लिए नियमों को ठीक से एवं सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। क्लब के नये सदस्यों को सभी नियमों को ठीक से समझाना जरूरी है। समय के साथ नियमों में किए जाने वाले बदलावों के बारे में सदस्यों को सूचित किया जाना चाहिए।
नए क्लब की संगठनात्मक संरचना
क्लब के सूचक के रूप में उसका एक प्रतीक या रंग होना चाहिए। क्लब को सफल बनाने के लिए निर्णय सदस्यों की सहमति के साथ लिए जाने चाहिए। क्लब को अपने सदस्यों के आईडी कार्ड बनाने चाहिए। एक टेंपलेट के माध्यम से आप इस तरीके को सफल बना सकते हैं, टेंपलेट में यह जानकारियां मौजूद होनी चाहिए:
- सदस्य का नाम
- क्लब का संपर्क विवरण
- क्लब का नाम
- क्लब का पता
- सदस्य का पद
- सदस्यता की तिथि
- क्लब का प्रतीक
- सदस्य का पद
- क्लब का नाम
- क्लब का रंग
- क्लब के ईवेंट्स
- सदस्यता की प्रक्रिया
- भावी इवेंट्स
सदस्य के रैंक का भी विवरण दर्ज किया जाए
इस टेंपलेट में एक अलग सूची बनाकर सदस्य के रैंक का भी विवरण डाला जा सकता है। इसमें निम्न जानकारियां डाली जा सकती हैं:
रोस्टर अपडेट करते रहें
इसके अलावा, क्लब को लगातार अपने रोस्टर अपडेट करते रहना चाहिए। क्लब के सदस्यों को एक दूसरे के साथ मिलते झुलते रहना चाहिए तथा अपनी संपर्क जानकारी भी साझी करनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके। सदस्यों को उनकी जिम्मेदारियों से भी अवगत कराना चाहिए। क्लब की अपनी एक ई-मेल सूची होनी चाहिए ताकि ज़रूरी जानकारी को वह सदस्यों तक मिनटों में पहुंचा सके। इसके अलावा, क्लब की अपनी एक वेबसाइट भी होनी चाहिए जिसमें निम्न जानकारियां मौजूद हो:
नए क्लब से जुड़े वित्तीय खर्चे
क्लब की गतिविधियां क्लब के खर्चों को बढ़ाती हैं। इन वित्तीय खर्चों की पूर्ति के लिए क्लब अपने सदस्यों की मदद ले सकता है। क्लब चाहे तो सदस्यता शुल्क या गतिविधि शुल्क से भी पूंजी इकट्ठा कर सकता है। वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए क्लब फंडरियर्स की सहायता ले सकता है। आजकल कई सरकारी संगठन और निगम क्लबों की वित्तीय सहायता कर रहे हैं। क्लबों के मालिक इन संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए अनुदान का उपयोग कर सकते हैं। वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए क्लबों को अपनी योग्यता जांचनी होगी।
अन्य क्लब से संपर्क बना सकते हैं
इन संस्थाओं से वित्तीय सहायता नकद के अलावा कई तरीकों द्वारा प्राप्त की जा सकती है। क्लब चाहें तो उपकरण या स्थान की भी मांग कर सकते हैं। क्लबों के मालिक राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तरों पर काम कर रहे क्लबों से संपर्क बना सकते हैं तथा उसी दिशा में अपने क्लब को भी आगे बढा सकते हैं। इन क्लबों के साथ सहयोग, वित्त के नए स्रोतों को खोल सकता है और क्लब को सुधारने के तरीकों पर महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान कर सकता है।
बैठकों का आयोजन – नए क्लब के आरंभ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू
क्लब की पहली बैठक में, सदस्यों को नाश्ता परोसा जाना चाहिए तथा खेलों की भी व्यवस्थित की जानी चाहिए, इस तरह क्लब अपने सदस्यों पर एक अच्छी छाप छोडेगा। सदस्यों को टेलीफोन कॉल या मेल द्वारा आवधिक अनुस्मारक भी प्रदान करने चाहिए। बाद की बैठकों में भी इन बातों का पालन किया जाना चाहिए।
क्लब के आरंभ में नेतृत्व करने वाले सदस्यों का चयन
इन मुख्य पदों पर क्लब का मालिक अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व परिवार के अन्य सदस्यों को नियुक्त कर सकता है। हालांकि, क्लब की लोकप्रियता के लिए क्लब में शामिल हो रहे अन्य सदस्यों को भी नियुक्त किया जा सकता है। क्लब के मालिक को पता होना चाहिए कि पदों पर नियुक्ति क्लब की बेहतरी को ध्यान में रख कर की जानी चाहिए तथा नियुक्ति से क्लब के संचालन में बाधाएं पैदा नहीं होनी चाहिए।