किरायेदार हैं तो HRA में टैक्स छूट के लिए अपनाएं ये 10 टिप्स
यदि आप भी एक कर्मचारी हैं और अपने पूरे HRA छूट का दावा करना चाहते है तो नीचे दी गई बातों पर गौर करें।
आयकर विभाग वेतनभोगी व्यक्ति द्वारा अपनी मां को किए गए किराए के भुगतान को एचआरए छूट के लिए मान्य नहीं मानता। हाल ही में आयकर न्यायाधिकरण के एक फैसले ने सभी को चौंका दिया। न्यायाधिकरण ने इस आधार पर दावे को खारिज कर दिया कि रसीदों के अलावा वेतनभोगी के पास किराए के भुगतान को पुष्टि करने वाला और कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं था। तथा वेतनभोगी बिना किराया दिए अपनी मां से आसानी से रसीदें प्राप्त कर सकता है।
यदि आप भी एक कर्मचारी हैं और अपने पूरे HRA छूट का दावा करना चाहते है तो नीचे दी गई बातों पर गौर करें:
रहना चाहिए रेंट एग्रीमेंट
सबसे पहले आपके पास एक मान्य रेंटल एग्रीमेंट होना चाहिए। इस एग्रीमेंट में किराए की अवधि तथा हर महीने दिए जाने वाले किराए का उल्लेख मौजूद होना चाहिए। इसके अलावा, आप द्वारा भुगतान किए जाने वाले अन्य बिलों का भी उल्लेख करार में होना चाहिए।
एक से अधिक परिवार हैं तो उसका भी उल्लेख हो
अगर एक किराए के घर में एक से अधिक परिवार रह रहे हैं तो करार में इसका भी उल्लेख होना जरूरी है। करार में किराए के साथ अन्य उपयोगिता बिलों के विभाजन अनुपात की भी जानकारी होनी चाहिए।
किराए का भुगतान चेक से करें
हो सके तो अपने किराए का भुगतान कैश के बजाय चेक से करें। इस तरह आपके भुगतान का सबूत आपके पास मौजूद होगा। यह ट्रांजेक्शन आपके खाते में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा।
न भूलें रशीद लेना
मकान मालिक से हर महीने भुगतान किए गए किराए की रसीद लेना ना भूलें। अगर आपका मासिक किराया 3,000 रुपयों से अधिक है तो एचआरए छूट का दावा करने के लिए नियोक्ता को किराए की रसीद प्रदान करना अनिवार्य है।
रशीद के साथ पैन नंबर भी जरुरी
यदि आपके किराये की वार्षिक रकम 1 लाख रुपये से अधिक है, तो एचआरए छूट का पूर्ण लाभ पाने के लिए आपको नियोक्त को किराए के भुगतान की रसीदों सहित मकान मालिक का पैन नंबर भी प्रदान करना होगा। इस तरह आपका टीडीएस भी कम काटा जाएगा।
पैन नहीं तो देना होगा घोषणा पत्र
यदि मकान मालिक का पैन कार्ड ना हो, तब मकान मालिक को घोषणा पत्र तैयार करके देना होगा। इसके अलावा, आपके मकान मालिक को 'फॉर्म 60' पर मांगी गई आवश्यक जानकारी भी प्रदान करनी होगी। इस बात की पुष्टि मकान किराए पर लेने से पहले कर लें वरना आप एचआरए छूट का पूर्ण लाभ नहीं उठा पाएंगे। एचआरए की छूट पाने के लिए ये दोनों कागज़ नियोक्ता को सबमिट करने होंगे।
पैन नहीं दिया तो नहीं मिलेगा HRA में छूट
यदि आप नियोक्ता को मकान मालिक का पैन नंबर प्रदान नहीं करते ऐसी स्थिति में ना तो आपको एचआरए छूट मिलेगी और आपका टीडीएस भी कट जाएगा। हालांकि कर्मचारी, आयकर अधिनियम के तहत रिटर्न फाइल करते वक्त एचआरए छूट का दावा कर सकता है लेकिन आपके एवं आपके नियोक्ता द्वारा जमा किए गए फ़ॉर्म 26AS में दर्ज वेतन आय में कोई मेल नहीं होगा। ऐसा होने पर आयकर विभाग इसकी जानकारी मांग सकता है।
जितना किराया बताया है उतना देंगे तभी मिलेगा HRA का फायदा
यदि आप करार में मौजूद राशि से अधिक या कम किराया दे रहे हैं तो इसका आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि छूट की गणना कर्मचारी द्वारा भुगतान की गई राशि की रसीदों के आधार पर ही की जाएगी। इसलिए आपके करार मैं मौजूद राशि एवं भुगतान की राशि में कोई अंतर नहीं होनी चाहिए।
आपको खुद रहना होगा उस घर में
एचआरए छूट का दावा करने के लिए आपको खुद उस किराए के मकान में रहना होगा। यदि आपके माता-पिता मकान मालिक हैं, तब रिटर्न फाइल करते वक्त वे किराए की आय भी शामिल करें।
50,000 से अधिक किराया होने पर 5% TDS करना होगा डिडक्ट
यदि आप हर महीने 50,000 से अधिक किराया दे रहे हैं तो अपने मकान मालिक को दिए गए किराए पर 5% टीडीएस डिडक्ट करें। यदि आप टीडीएस डिडक्ट नहीं करते तब हर महीने आपको 1% के दर पर ब्याज देना होगा। यदि आप टीडीएस डिडक्ट करते हैं पर जमा नहीं करते तब हर महीने आपको 1.5% के दर पर ब्याज देना होगा। देरी करने पर प्रति दिन 200 रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।
आप 100% तक एचआरए छूट प्राप्त कर सकते हैं लेकिन उसके लिए शर्त है कि आप ने छूट की सारी शर्तों का पालन किया हो।
रेंट एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले ध्यान रखें ये बातें