GST क्या है इसके तहत कैसे काम होता है?
जीएसटी के तहत केवल मूल्य संवर्धन पर कर लगेगा और कर का बोझ अंतिम उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी ) को भारत का सबसे अधिक बहुप्रतीक्षित कर सुधार माना जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष कर सुधार है जो राज्यों के बीच से करों की सीमा को दूर करता है और एक एकल बाजार का निर्माण करता है। जीएसटी के तहत केवल मूल्य संवर्धन पर कर लगेगा और कर का बोझ अंतिम उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा।
यहां पर आपको जीएसटी से जुड़ी कई बातों के बारे में जानकारी दी जा रही है-
अन्य कोई कर (टैक्स) नहीं
जीएसटी का एक मुख्य फायदा यह है कि इससे अन्य कई अप्रत्यक्ष कर दूर हो जाते हैं। जीएसटी लागू होने के बाद वर्तमान में लगने वाले सभी कर हटा लिए जायेंगे। यदि जीएसटी प्रभाव में आता है तो उत्पाद कर, चुंगी कर, बिक्री कर सीईएन वैट, सेवा कर, कुल बिक्री कर आदि नहीं लगेंगे। ये सभी कर जीएसटी के तहत आते हैं।
क्या है उद्देश्य
आसान व्यापार जीएसटी का उद्देश्य एक देश, एक कर है। इस प्रकार सभी राज्यों में एक समान कर लगेगा। इससे राज्यों के बीच होने वाली अस्वस्थ प्रतियोगिता को रोका जा सकेगा। वे लोग जो राज्यों के बीच व्यापार करते हैं उनके लिए यह एक अच्छी बात है। जीएसटी उन लोगों को सहायता प्रदान करता है जो अन्य राज्यों में अपनी शाखाएं खोलना चाहते हैं।
टैक्स देने में होगी आसानी
कई उद्यमियों और छोटे पैमाने पर व्यापार करने वाले लोगों के लिए जीएसटी एक वरदान होगा। जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सिंग और डाक्युमेंनटेशन बहुत आसान हो जाएगा। रिटर्न भरना, कर अदायगी और रिफंड की प्रक्रिया भी झंझट मुक्त हो जायेगी। क्योंकि जीएसटी एक एकल कर है अत: इससे कर चोरी और भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलेगी। इससे सिस्टम और अधिक प्रभावकारी हो जाएगा।
कीमतों में आ सकती है कमी
जीएसटी से दोगुने शुल्क हट जायेंगे। वर्तमान में उत्पादित एफएमसीजी उत्पादों जैसे साबुन, डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक्स आदि पर आबकारी कर के अलावा वैट (वेल्यु एडेड टैक्स) भी लगता है। जीएसटी लगने के बाद यह हटा दिया जाएगा। इससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी जिससे आम आदमी अधिक पैसा बचा पायेगा। ऐसी आशा की जा रही है कि जीएसटी लागू होने के बाद एफएमसीजी उत्पादों की कीमतें जैसे छोटी कार, सिनेमा टिकिट, इलेक्ट्रिकल वायर, पैंट उत्पाद आदि कम हो जायेंगी। इसके अलावा जीएसटी से व्यापारियों और उपभोक्ता दोनों को फायदा होगा।
अधिक रोज़गार
क्योंकि जीएसटी से उत्पाद की कीमत में कमी होगी अत: ऐसी आशा की जा रही है उत्पाद की मांग बढे़गी और इस मांग को पूरा करने के लिए पूर्ति होना भी आवश्यक है। अधिक पूर्ति तभी होगी जब रोजगार बढ़ाए जायेंगे। जीएसटी से जीडीपी कम से कम 2 प्रतिशत बढ़ेगी जिसके कारण रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
इनपुट से आउटपुट की ओर
जीएसटी सभी चरणों में लागू होगा अर्थात निर्माण से उपयोग तक। इससे श्रृंखला के प्रत्येक चरण पर क्रेडिट लाभ मिलेगा। अब निर्माण से लेकर उपयोग चरण तक टैक्स का मार्जिन जोड़ा जाएगा और पूरी राशि के टैक्स का भुगतान करना होगा। जीएसटी लागू होने के बाद लोगों को टैक्स क्रेडिट लाभ मिलेगा। टैक्स केवल मार्जिन अमाउंट (सीमान्त राशि) पर ही लगाया जाएगा। इससे टैक्स का व्यापक प्रभाव कम हो जाएगा।
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में वृद्धि
जैसे जैसे मांग बढ़ेगी वैसे वैसे स्वाभाविक है कि उत्पादन भी बढ़ेगा। इससे सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी। ऐसा अंदाजा है कि जीएसटी लागू होने के बाद जीडीपी 1-2% तक बढ़ जाएगी।
राजस्व में वृद्धि
जीएसटी एक देश, एक कर नियम के अंतर्गत आता है। इसमें सभी 17 करों को एक कर से विस्थापित कर दिया जाएगा। उतपाद की मांग में वृद्धि होने पर राज्य और केंद्रीय सरकार का कर राजस्व अपने आप ही बढ़ेगा।
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