टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स बचाने के 9 आसान तरीके
आयकर अधिनियम धारा 80 सी के अलावा और भी कई आयकर अधिनियम हैं जिन में कई तरह से टैक्स में छूट मिलती है। हम आपको कुछ ऐसे ही खास विकल्पों के बारे बताने जा रहें हैं।
नौकरीपेशा व्यक्ति हमेशा मेहनत करके पैसा कमाते हैं लेकिन जब यही पैसा टैक्स के रूप में साल के अंत में आपकी सैलरी से काट लिया जाता है तो यकीनन यह सबसे कष्ट देने वाला लम्हा होता है। हर कोई चाहता है कि उसका टैक्स कम से कम कटे। तमाम करदाताओं को कई बार अन्य विकल्पों के बारे में पर्याप्त जानकारी ही नहीं होती है। आयकर अधिनियम धारा 80 सी के अलावा और भी कई आयकर अधिनियम हैं जिन में कई तरह से टैक्स में छूट मिलती है। हम आपको कुछ ऐसे ही खास विकल्पों के बारे बताने जा रहें हैं।
सैलरी का पुनर्निर्धारण
अपनी सैलरी को फिर से नया रूप देना हमेशा संभव नहीं होता है, लेकिन अगर आपकी कंपनी इस बात की इजाजत दे, और आपके HR के साथ आपके अच्छे संबंध हों, तो आपकी सैलरी की कुछ चीज़ों पर टैक्स कम हो सकता है।
फूड कूपन का उपयोग करें
लंच भत्ता लेने के बजाय आप फूड कूपन ले सकते हैं। इससे आप साल भर में 60 हजार रुपए अधिकतम तक टैक्स की छूट मिलती है। मेडिकल भत्ता, ट्रांसपोर्ट भत्ता, एजुकेशन भत्ता, यूनिफार्म भत्ता (यदि हो तो) और टेलीफोन खर्च को सैलरी में ही रहने दें, और इनका सही बिल दिखाएं जिससे इनपर टैक्स की छूट मिल सके। यही नहीं ज्यादा टैक्स देने से बचने के लिए अपनी कार की बजाए कंपनी की कार का इस्तेमाल करें।
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी का जितना हो सके इस्तेमाल करें, क्योंकि इसके अंतर्गत आपको ज्यादा से ज्यादा 1, 00,000 रुपए तक टैक्स में कटौती मिलेगी। इस धारा का सही से इस्तेमाल करने के लिए इन विकल्पों में निवेश करें।
- पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
- लाइफ इंश्योरेंश प्रीमियम
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम
- 5 साल के लिए बैंकों और पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट
- 2 बच्चों की शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस का भुगतान करना
80 सी के अलाव दूसरे विकल्प
अगर आपकी राशि एक लाख रुपए से काम है तो धारा 80 सी के अलावा और भी विकल्प हैं। धारा 80 डी- 15,000 रुपए का मेडिकल बीमा खुद के लिए, पति या पत्नी और आश्रित बच्चों के लिए कटेगा और 20,000 रुपए मेडिकल बीमा अपने माता-पिता के लिए हो सकता है। बशर्ते उनकी आयु 65 वर्ष या इससे उपर हो। धारा 80 सीसीएफ- नोटिफाईड इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में निवेश के लिए धारा 80 सी के तहत 1 लाख के साथ 20,000 रुपये की कटौती का लाभ मिलेगा। धारा 80 जी- स्पेसिफिएड फंड्स और चैरटबल संस्थाओं में डोनेशन देना।
मकान का किराया
अगर आप किराए के मकान में रह रहे हैं और आपको कंपनी से एचआरए नहीं मिल रहा है तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80 जीजी की के तहत लाभ उठा सकते हैं। कुल आय का 25% या, प्रति माह 2,000 रुपये या, किराए के अतिरिक्त कुल आय का 10% से अधिक का भुगतान, यदि आप अपने पति या पत्नी और नाबालिग बच्चे के साथ रहते हैं और जिस घर में आप रहते हैं वो आपका है और वहां से आप अपने ऑफिस का सारा काम करते हैं तो आपके वेतन में से किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जाएगी।
होम लोन्स से टैक्स की बचत करें
अपने होम लोन का सही तरीके से इस्तेमाल करें जिससे आप और टैक्स बचा सके। आपके लोन का मुख्य मूलधन 80 सी के तहत आता है, जिस में 1, 00,000 की कटौती है। यही नहीं धारा 24 के अंतर्गत ब्याज में 1, 50,000 की कटौती अलग से होती है।
ट्रेवल/लीव अलाउंस
ट्रेवल लीव अलाउअन्स को अपनी छुट्टियों के लिए इस्तेमाल करें, जो आपको चार साल में दो बार मिलेगा। अगर आपने इन चार सालों में इनका लाभ नहीं उठाया है तो अब आप एक छुट्टियां तो ले ही सकते हैं। इस साथ ही आप अगले तीन का लाभ उठा सकते हैं।
बोनस पर टैक्स
कंपनी से मिलने वाला बोनस पूरी तरह से कर योग्य हैं। जिस वर्ष ये बोनस आपको मिलता है उसी वर्ष आपको टैक्स देना होता है। बोनस टैक्स को लेकर आप अपनी कंपनी के एचआर से चर्चा कर सकते हैं।
कुछ जरुरी बातें
आखरी समय में टैक्स प्लानिंग की परेशानियों से बचने के लिए, नीचे दी गयी कुछ बातों का ध्यान रखें। किसी भी प्रकार की फ़ालतू कटौती से बचने के लिए अपने बॉस को सारे लोन्स और टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंस में निवेश की जानकारी दें, यह बहुत जरुरी है कि हर साल आप 31 मार्च से पहले अपनी टैक्स प्लानिंग शुरू कर दें और 31 जुलाई तक अपने सारे रिटर्न्स फाइल कर दें।