शादी के बाद नहीं होगी पैसों की दिक्कत, अपनाएं ये 7 तरीके
आप शादी-शुदा हैं तो हम आपको मनी सेविंग और इन्वेस्टमेंट के 8 ऐसे मंत्र बताएंगे जो आपके जीवन में आने वाली वित्तीय कठिनाइयों से निपटने में मदद करेगी।
पढ़ाई के बाद नौकरी मिलने के बाद भी किसी व्यक्ति को तब तक मैच्योर नहीं माना जाता है जब-तक की उसकी शादी ना हो जाए। जाहिर है एक शादी-शुदा व्यक्ति पर तमाम जिम्मेदारिया होती हैं जबकि बैचलर लाइफ अल्हड़ होती है, छोटी-बड़ी हर समस्या को बैचलर्स 'इट्स ओके' कहकर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन शादी के बाद ये तरीका नहीं चलता है।
एक दूसरे की मदद करें
बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के साथ-साथ आपके पास एक बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग होनी चाहिए। जिसमें आप अपने आगे की लाइफ में आने वाली दिक्कतों का आसानी से सामना कर सकें। हम आपको मनी सेविंग और इन्वेस्टमेंट के 5 ऐसे मंत्र बताएंगे जो आपके जीवन में आने वाली वित्तीय कठिनाइयों से निपटने में मदद करेगी।
इनकम और सेविंग्स पर करें बात
अब वो दौर चला गया जब पति कमाता था और पत्नी घर में रहती थी। आज की दुनिया में महिलाएं भी पुरुषों की तरह नौकरी या फिर अपना बिजनेस करती हैं। ऐसे में अगर आप दोनों शादी-शुदा हैं तो दोनों अपनी मंथली इनकम को घर खर्च के लिए साझा कर सकते हैं। लेकिन इस काम से पहले आपको एक दूसरे का नजरिया अच्छी तरह समझना होगा नहीं तो भविष्य में आप दोनों के बीच फाइनेंशियल मुद्दों पर बड़े मतभेद हो सकते हैं।
प्लानिंग करें
नौकरीपेशा होने के कारण आप दोनों को हमेशा बाहर ही रहना पड़ सकता है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या घर है। अगर आप अपने खुद के घर में रहते हैं तो बेहतर है लेकिन अगर आप किराए के घर में रहते हैं तो प्लानिंग करें कि घर के लिए क्या लेना है और क्या नहीं। गैरजरूरी चीजों पर बेवजह पैसा बर्बाद ना करें। दोनों मिलकर प्लानिंग करें साथ ही अगले पांच वर्ष में आपका क्या लक्ष्य होगा इस पर भी चर्चा करें। ऐसे करने से आप दोनों एक दूसरे को और अच्छी तरह से समझेंगे और अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करने में भी आसानी होगी।
आपस में बांटे खर्च
अगर आप दोनों में से किसी ने शादी से पहले किसी तरह का लोन लिया है तो उसे साथ मिलकर चुकाने का काम करें। इससे दोनों पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ थोड़ा कम हो जाएगा। इसमें आप काम बांट भी सकते हैं, जैसे अगर आपकी पत्नी कार का लोन चुका रही हैं तो आप घर का खर्च उठाएं। हर महीने थोड़ी सेविंग्स करके उनके लोन की किश्त जमा करने में वित्तीय मदद करें।
नया बिजनेस शुरु करने से पहले एक दूसरे को बताएं
वित्तीय लेन-देन, लोन, निवेश और मंथली इनकम के बारे में आप दोनों को एक दूसरे के प्रति पूरी तरह से ईमानदारी बरतनी होगी। मान लीजिए कि आपने नौकरी छोड़कर नया स्टार्टअप शुरू करने का मन बनाया है तो इसके बारे में अपनी पत्नी को पूरी जानकारी दें। इससे दोनों में विश्वास और गहरा होगा साथ ही आपको बेहतर सुझाव भी मिलेंगे।
एक दूसरे की क्रेडिट हिस्ट्री को सुधारने में मदद करें
पैसे बचाने के मामले में पुरुष और महिलाओं की सोच थोड़ी अलग होती है। पुरुष जल्दबाजी में फैसला लेते हैं वहीं महिलाएं किसी निवेश से पहले हजार बार सोचती हैं। ऐसे में दोनों को एकसाथ मिलकर इसका हल निकालना चाहिए। साथ ही इस बात की जानकारी ले लेनी चाहिए कि दोनों में से किसी की क्रेडिट हस्ट्री तो खराब नहीं है। अगर क्रेडिट हिस्ट्री खराब होगी तो भविष्य में लोन आदि मिलने में समस्या होगी।
खर्चे को लेकर संयम बरतें
कुल मिलाकर यह सारी बातें आपसी सामंजस्य पर टिकी हैं। दोनों को अपने मन में कभी पैसे आदि को लेकर गलत भाव नहीं लाना चाहिए। आप दोनों अपने पर वित्तीय खर्चों को लेकर जितना संयम बरतेंगे भविष्य में उतनी ही खुशियां आपके दामन में होंगी।