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भारत की ग्रोथ रेट बेहतर, देश में निवेश और व्यापार की संभावनाएं बढ़ीं

By Ashutosh
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भारत ने चीन को एक बार फिर चौंकाया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की ग्रोथ रेट 2016 में चीन से तेज रहेगी और देश के वित्तीय क्षेत्रों में बड़ा सुधार आएगा। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स यानि वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत की रैंकिंग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। ब्रिक्स देशों में भारत दूसरे नंबर पर है जबकि पहले नंबर पर चीन है।

भारत की रैंकिंग में सुधार

भारत की रैंकिंग में सुधार

ग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने इस रिपोर्ट को छापा है। पूरी रिपोर्ट में कुल 139 देश हैं जिसमें भारत 16 पायदान चढ़कर 39वें स्थान पर पहुंच गया है। इस रैंकिग में चीन 28वें स्थान पर है जबकि ब्रिक्स के अन्य देश रूस दो स्थान चढ़कर 43वें और दक्षिण अफ्रीका दो स्थान उपर चढ़कर 47वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में ब्राजील को नुकसान हुआ है। ब्राजील 6 स्थान नीचे खिसक कर 81वें नंबर पर आ गया है।

बाजार में बढ़ा विदेशी निवेश

बाजार में बढ़ा विदेशी निवेश

ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के बाजार को नए तौर-तरीकों और नई सोच ने आगे बढ़ाया है जिससे ग्रोथ बढ़ रही है। इसके साथ ही बेहतर मॉनिटरिंग और पॉलिसी में हुए बदलाव के चलते भारतीय अर्थ व्यवस्था स्थिर बनी हुई है। भारतीय अर्थ व्यवस्था जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।

इकोनॉमिक समिट से पहले आई रिपोर्ट

इकोनॉमिक समिट से पहले आई रिपोर्ट

यह रिपोर्ट नई दिल्ली में 6-7 अक्टूबर को होने वाले इंडिया इकोनॉमिक समिट से पहले जारी की गई है। जाहिर है इस तरह की रिपोर्ट दुनिया भर के निवेशकों को भारत में आकर्षित करेगी और देश में विदेशी निवेश में बढ़ोत्तरी होगी। रिपोर्ट में भारत, दक्षिण एशिया, ब्रिक्स, जी-20 में सबसे अच्छी ग्रोथ रेट हासिल करने वाला देश बना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि मोदी सरकार ने पब्लिक संस्थानों में सुधार किया है, देश में विदेशी निवेशक बढ़े हैं, इंटरनेशनल ट्रेड और फाइनेंशियर सिस्टम में पारदर्शिता आई है।

जीएसटी से आएगा सुधार

जीएसटी से आएगा सुधार

विश्लेषकों का कहना है कि देश में अगर गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानि जीएसटी सही ढंग से लागू किया जाता है तो भारत को इससे काफी फायदो होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स को मुक्त व्यापार की जरूरत होती है और भारत में नई सरकार आने के बाद इस दिशा में बेहतर कार्य किया गया है।

इन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत

इन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत

वहीं विश्लेषकों ने कुछ कमियां भी गिनाईं है जिसमें बैंको की बैलेंस शीट पर दबाव रहना, जटिल उद्योगों में महिलाओं की कम भागिदारी और देश के बड़े हिस्से का इंटरनेट से कटा होना शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स रेग्युलेशंस, टैक्स रेट, खराब सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं और महंगाई जैसी चीजें भारत में व्यापार करने में बाधा पैदा करती हैं।

English summary

Indias Ranking improve in Global Competitive Index

India's Ranking improve in Global Competitive Index. India Become the fastest growing country in g-20 group.
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