अगर चेक हुआ बाउंस तो क्या-क्या झेलना पड़ेगा आपको?
अगर आप यह सोच कर किसी को चेक दे रहे हैं, कि बैंक में पैसा तो है नहीं क्या ले जायेगा? तो सुन लीजिये, वो ले जाये, न ले जाये, आपका बहुत कुछ चला जायेगा। जी हां हम बताने जा रहे हैं कि क्या होता है चेक बाउंस हो जाता है?
क्या है चेक
चेक एक कागज़ का पत्र है, जिस पर हस्ताक्षर करके आप यह प्रमाणित करते हैं, कि आपके अकाउंट से उस व्यक्ति को पैसा दे दिया जाये, जिसका नाम उस पर लिखा है। आपको बता दें कि यह एक कानूनी स्टैम्प पेपर के समान ही होता है। और ज्यादातर लोग इसके जरिये पेमेंट करना पसंद करते हैं, ताकि उनके पास एक रिकॉर्ड बना रहे।
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खाते में कम पैसा होने के कारण, हस्ताक्षर नहीं मिलने के कारण, या फिर पोस्ट डेटेड होने के कारण चेक बाउंस हो सकता है। हस्ताक्षर सही नहीं हुए हैं, तो चेक पर लिखा पैसा रिलीज करने से पहले बैंक क्लर्क आपको फोन करेगा। पोस्ट डेटेड चेक है, यानि चेक लगाने वाले की गलती, लेकिन अगर अकाउंट में उतना पैसा नहीं है, जितना कि आपने चेक रिलीज़ किया है, तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।
बैंक द्वारा पेनाल्टी
खाते में जमा पैसे से ज्यादा का चेक काटने पर सबसे पहली पेनाल्टी बैंक आप पर ठोकेगा। हर बैंक अलग-अलग पेनाल्टी चार्ज करता है, जो 100 रुपए से लेकर 300 रुपए तक हो सकती है।
ईएमआई का चेक बाउंस हुआ तो
होम लोन, कार लोन, आदि पर आप बैंक को कई सारी चेक एक साथ सौंप देते हैं। हर महीने बैंक आपका चेक कैश करा लेता है। पहली बार ईएमआई की चेक बाउंस होने पर बैंक आपसे 100 से 300 रुपए तक की पेनाल्टी लेगा और आपको फोन करके पैसा जमा करने को कहेगा। अगर ईएमआई की चेक बार-बार बाउंस होने लगी, तो बैंक के पास पूरा अधिकार है आपका खाता सीज़ करने का।
अपराध की श्रेणी में आता है चेक बाउंस
भारत कानून में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट ऐक्ट 188 की धारा 138 के अंतर्गत ऐसा कानून है कि जिसके नाम से आपने चेक रिलीज़ किया है, 30 दिनों में उसे पैसे का भुगतान नहीं किया तो वो आपके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकता है।