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महत्वपूर्ण बातें जो रेंटल एग्रीमेंट पर ध्यान रखनी चाहिये

By Ajay Mohan
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जब हम किराये पर मकान लेते हैं, तो रेंटल एग्रीमेंट को हलके में ले लेते हैं। और आगे जा कर कर्इ विवाद खड़े हो जाते हैं। बहस होती है और कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ता है। अत: यह बहुत आवश्यक है कि रेंटल एग्रीमेंट करने से पहले वे सभी बातें ध्यान में रखनी चाहिये, जिससे विवाद होने की सम्मावना रहती है।

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महत्वपूर्ण बातें जो रेंटल एग्रीमेंट पर ध्यान रखनी चाहिये

यहां कुछ ऐसी बातें बतार्इ जा रही है, जो भारत में रेंटल एग्रीमेंट करने के लिए आवश्यक है:

1. नोटिस अवधि

यदि किरायादार इस बात को नोटिस करता है कि नोटिस की अवधि उसके लिए उपयुक्त नहीं है, तो उन्हें इसमें परिवर्तन करा देना चाहिये। समझौता होने के बाद कभी-कभी नोटिस पिरियड़ की अवधि का ध्यान नहीं रखा जाता। किरायेदार अन्य आवास ढूंढ़ता है और उसमें विलम्ब हो जाता है, जिससे समझौता की पालना नहीं हो पाती है। अत: मकान मालिक और किरायेदार के लिए यह जरुरी है कि वे नोटिस अवधि इतनी रखें ताकि दोनों को असुविधा नहीं हों और मकान मालिक को समझौते के अनुसार नोटिस अवधि की सूचना नहीं देने पर डिपाजिट रखी हुर्इ राशि से कटौती करनी पड़े।

2. किराया में वृद्धि

किराया वृद्धि में अलग-अलग व्यक्ति अलग नियम रखते हैं। अधिकांश मकान मालिक ग्यारह महीने पश्चात किराया बढ़ा लेते हैं। किराया तब भी बढ़ाया जाता है जब किराया समझौता समाप्त हो रहा होता है। परन्तु किराये समझौते में इस बात का अवश्य उल्लेख करें कि कितनी अवधि बाद कितना प्रतिशत किराया बढ़ाया जायेगा। समान्यतया दस प्रतिशत तक किराया ग्यारह माह बाद बढ़ाया जाता है, जो उपयुक्त है, किन्तु इससे ज्यादा नहीं होना चाहिये।

3. जमा राशि

बहुत से मकान मालिक ग्यारह महीने का किराया अग्रिम किराये रुप में जमा रखते हैं, परन्तु इसमें भिन्नता हो सकती है। परन्तु यह ध्यान रखें कि यह राशि ज्यादा नहीं होनी चाहिये, क्योंकि इस पर आपको बैंक के ब्याज का नुकसान हो रहा है और मकान मालिक को लाभ हो रहा है। यह भी सम्भव है कि आपकी डिपाजिट राशि मो मकान मालिक बैंक में एफडी करा कर उस पर ब्याज कमाता हो।

4. मकान खाली करने पर

मकान मालिक फ्लेट खाली करने पर डिपाजिट लौटा देते हैं, परन्तु कुछ मकान मालिक मकान में टूट फूट और बकाया बिजली का बिल चुकाने के लिए कुछ राशि रख लेते हैं। इन सारी बातों को समझौते में उल्लेख होना चाहिये।

5. एयर कंडीशन, फर्निचर का जिक्र

मकान मालिक फर्निस्ड सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं, जिनका उल्लेख किराये एग्रीमेंट में किया जाता है। उदाहरण के लिए एयर कंडिशनर, फर्निचर या अन्य फिक्सर भी मकान के साथ मकान मालिक द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं। किराये समझौते पर हस्ताक्षर करने के पूर्व सभी उपकरणों और फर्निचर की सावधानी से जांच कर लें और ये सुनिश्चित कर लें कि इनमें को टूटा भाग नहीं है और ये चालू अवस्था में हैं।

निष्कर्ष: अत: यह बहुत आवश्यक है कि किराया समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहली सारी शर्तों को ध्यान से पढ़ लें और इन्हें समझ लें, क्योंकि हस्ताक्षर करने के बाद समझौता दस्तावेज बन जाता है, जिसकी शर्तों के उल्लंघन से आपके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

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English summary

Important Things To Look For In A Rental Agreement?

Many a times we fail to take a careful look at the rental agreement and then encounter long standing disputes, arguments and even legal action.
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