क्या है रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी RTGS?
अब बैंक से पैसा ट्रांसफर करने के लिए लंबी लाइन में लगने की जरुरत नहीं है, क्योंकि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) से आपको ऐसी सुविधा मिली है, जिससे आप एक क्लिक के जरिए अपने दोस्त या रिश्तेदारों को घर बैठे पैसे भेज सकते हैं रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने और नकदी उपलब्ध कराने के लिए अक्टूबर 2013 में आरटीजीएस यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट प्रणाली शुरू की थी। इस चैनल से ऑनलाइन रकम ट्रांसफर करने की न्यूनतम सीमा दो लाख रुपए है।
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आरटीजीएस में मनी ट्रैन्ज़ैक्शन कैसे किया जाता है?
सबसे पहले आरटीजीएस के माध्यम से फंड ट्रांसफर के लिए उपभोक्ता को अपने अकाउंट में ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा को सक्रिय करना होगा। उसके बाद उपभोक्ता को इस सेवा का लाभ उठाने के लिए अपना नाम, अकाउंट नंबर, बैंक का नाम और आईएफएससी कोड देना होगा।
उसके बाद उपभोक्ता की सारी जानकारी कंप्यूटर में फीड की जायेगी। जिसके बाद उस जानकारी की प्रामाणिकता की पुष्टि करने में 12-24 घंटे का वक्त लगता हैं, इसके बाद उपभोक्ता का अकाउंट शुरू कर दिया जाएगा। अकाउंट के शुरू हो जाने के बाद आरटीजीएस के जरिये फंड आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है।
आरटीजीएस फंड ट्रांसफर के क्या फायदे हैं?
- आरटीजीएस इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर समय के अनुसार किया जाता है। और अगर कोई छुट्टी हो जाती है तो वह राशि अगले वर्किंग डे पर ट्रांसफर की जाती है।
- आरटीजीएस ऑफलाइन भी किया जा सकता है। लेकिन उसके लिए एक रीमिटन्स फॉर्म भर कर अपनी बैंक की शाखा में जमा करना होगा जिस पर भेजने वाले का नाम लिखा होना चाहिए ।
- आरटीजीएस में फंड ट्रांसफर के अन्य साधनों का पैसा नहीं लगता है जैसे डिमांड ड्राफ्ट।
- आरटीजीएस में औरों के मुकाबले फंड ट्रांसफर करने में रीमिटन्स पर कम शुल्क लगता है। इसके तेहद बैंक में आने वाली राशि पर कोई शुल्क नहीं है जबकि फंड ट्रांसफर करने पर शुल्क लगता है जैसे 2 से 5 लाख की रकम पर 30 रुपये और अगर इसे अधिक फंड ट्रांसफर करना है तो बैंक 55 रुपये शुल्क चार्ज कर सकता है।
इसलिए आरटीजीएस एक सुरक्षित और भरोसेमंद तरीका है फंड ट्रांसफर करने का, और इसके साथ किसी भी तरह का जोखिम भी नहीं है जो की चेक और डिमांड ड्राफ्ट के साथ होता है।