भारत में सोने की शुद्धता को कैसे जांचे?
भारत में आभूषण 22 कैरेट सोने से बनते है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह 14 और 18 कैरेट सोने सोना होता है। भारतीय अधिकतर अवसरों पर सोना खरीदना पसंद करते हैं चाहे शादी हो या फिर कोई अन्य शुभ अवसर। आमतौर पर ऐसा होता है कि कई साल बीत जाने के बाद बेचते समय या फिर पुर्नखरीद के समय यह पता चलता है कि जौहरी द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र सही नहीं है। यहां विभिन्न शहरों में सोने की दरों की जाँच कीजिए।
जब भी हम सोना खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले उठने वाला प्रश्न होता है सोने की शुद्धता। सोने के आभूषण की खरीद करते समय जांच करने के लिए चीजों के बुनियादी तथ्यों के बारे में पता होना चाहिए। ऐसे मामले भी है जहां जौहरी 22 कैरेट के आभूषण के लिए चार्ज करते हैं या फिर कुल आभूषण के वज़न में स्टोन का वज़न भी जोड़ते हैं जिससे ग्राहक का नुकसान होता है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अधिनियम के तहत, हॉलमार्किंग एजेंसी भारतीय मानकों के आधार पर सोने को प्रमाणित करती है। यहाँ सोने के आभूषण में सोने की शुद्धता की जांच करने के कुछ तरीके हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो के मानक चिह्न
भारतीय मानक ब्यूरो का एक त्रिकोणीय स्टांप। भारतीय मानक ब्यूरो का लोगो आभूषण की परख और हॉलमार्किंग सेंटर जहां परख और हॉलमार्किंग प्रदान की गई है को दर्शाता है। शुद्धता ग्रेड संख्या दर्शाती है कि सोना कितना शुद्ध है। यह 333 से चिह्नित 8 कैरेट से लेकर 999 से चिह्नित 24 कैरेट (शुद्ध सोना) तक होती है।
999.24 कैरेट शुद्ध सोना
958.23 कैरेट
916.22 कैरेट
875.21 कैरेट
750.18 कैरेट
708.17 कैरेट
585.14 कैरेट
417.10 कैरेट
375.9 कैरेट
333.8 कैरेट
हॉलमार्किंग केंद्र लोगो
इसका प्रयोग यह जांच करने के लिए प्रयोग किया जाता है कि गहने का मूल्यांकन और हॉलमार्किंग कहां की गई है। केंद्र और लोगो की एक सूची की जाँच की जा सकती है: http://www.bis.org.in/cert/hallmarkass.htm
चिह्नित का साल
कोड पत्र आभूषणों की हॉलमार्किंग के वर्ष का प्रतिनिधित्व करता है और भारतीय मानक ब्यूरो जैसे द्वारा निर्णय लिया गया है कि अक्षर 'A' वर्ष 2000 को 'J' 2008 को दर्शाएगा।
जौहरी पहचान चिह्न
बीआईएस का चिह्न जौहरी या आभूषण के निर्माता को प्रमाणित काता है। ध्यान दें कि केडीएम आभूषण आभूषण हॉलमार्क नहीं है। इसलिए, केडीएम शुद्ध सोने का रूप नहीं है।
आपको सोने की शुद्धता की जांच की जरूरत क्यों है?
अकसर ऐसा देखा जाता है कि कई साल बीत जाने पर जब आप अपना सोना बेचना चाहते हैं तो उसकी कम कीमत पाते हैं, विशेषकर तब जब आप नया सोना लेना चाहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह सोना हॉलमार्क नहीं है। हालांकि, आपने सोने की कीमत दी है, लेकिन आप उसे चैक करने में नाकामयाब रहें हैं, जिसके कारण आपका नुकसान होता है। मात्रा बड़ी होने पर नुकसान भी बड़ा हो जाता है।
इसलिए सोने की शुद्धता की जांच करना महत्वपूर्ण है। इन दिनों सोने के आभूषण की अधिकांश दुकानों में विशेष रूप से आयातित मशीनों की जांच करने के लिए अत्याधुनिक मशीनें है। हाल ही में, रिपोर्ट थी कि एक एक्स.रे प्रतिदीप्ति मशीन हैदराबाद में स्थापित की गयी है जो मशीन की थाली में आभूषण रखने के बादए गहने बनाने में इस्तेमाल किए गए तत्वोंए उनके इस्तेमाल प्रतिशत और आभूषण के कैरेट के बारे में एक रिपोर्ट देगी।