इक्विटी एवं डीवीआर शेयर्स में क्या अंतर है?
डीवीआर शेयर्स वो शेयर्स होते हैं जिनमें डिफरेंशिअल वोटिंग का अधिकार होता है। भारत में , कुछ शेयर्स वोटिंग अधिकार के साथ जारी किये जाते हैं। यह वोटिंग अधिकार निवेशकों को विभिन्न मुद्दों पर, जिसकी अग्रिम जानकारी साधारणतः शेयरधारकों को भेजी जाती है, पर अपना मत प्रस्तुत करने का अधिकार प्रदान करते हैं।
इस प्रकार साधारण एवम् डी वी आर शेयर्स में मूल अंतर वोटिंग राइट्स का ही है। कई बार डी वी आर शेयर्स का लाभांश भी साधारण शेयर्स से अधिक होता है।
डी वी आर शेयर्स का प्रचलन भारत में अभी इतना अधिक नहीं हुआ है। वर्ष 2008 तक, जब टाटा मोटर्स ने डी वी आर जारी किये थे, कोई भी डी वी आर जारी नहीं किये गए थे । अब तक डी वी आर जारी करने वाली कुछ कंपनियों की सूची में गुजरात ऐन आर ई कोक एवम् जैन इरीगेशन का नाम भी शामिल है।
कैसे काम करता है डीवीआर
डी वी आर का मूल्य इक्विटी शेयर्स से कम होता है उदाहरण के तौर पर टाटा मोटर्स के डीवीआर का मूल्य 322 रुपए जबकि शेयर् का मूल्य 556 रुपए है।
आमतौर पर दोनों का मूल्य साथ - साथ घटता- बढ़ता है। जब इक्विटी शेयर्स का मूल्य बढ़ता है तो डी वी आर का मूल्य भी बढ़ता है। मूल्य में अंतर मात्र वोटिंग राइट्स के कारण होता है जोकि डी वी आर से जुड़े होते हैं।
डी वी आर कंपनी का अधिकार किसी और हाथों में चले जाने से बचाता है। यध्यपि यह डी वी आर जारी करने का एकमात्र कारण नहीं हो सकता। इसीलिए, यह उन शेयर धारकों के लिए उचित है जो लम्बी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं नाकि कंपनी के स्वतः अधिग्रहण के लिए।
आजकल इक्विटी शेयर्स एवम् डी वी आर के बीच मूल्य में अंतर, जैसे की टाटा मोटर्स को ही ले लें, बड़ी शीघ्रता से कम हो रहा है। मीटिंग में सम्मिलित हो सकते हैं।
डी वी आर शेयर धारक कंपनी के सम्मेलन में भी भाग ले सकते हैं जिसमें कंपनी की वार्षिक जनरल बॉडी मीटिंग भी शामिल है। यदि किसी डी वी आर धारक के पास बहुत कम शेयर्स होते हैं, जैसे की 10 शेयर्स तो उसे वोट करने के अधिकार से वंचित रखा जा सकता है।
क्या आपको यह शेयर्स खरीदने चाहिए?
कंपनी के शेयर्स में उतार- चढ़ाव कंपनी के प्रदर्शन, उसकी समकक्ष सूचीबद्ध कंपनियों के साथ उसकी तुलनात्मक प्रदर्शन, एवं आमतौर पर शेयर पर उपलब्ध छूट पर निर्भर करता है।
तो अगर आपको कंपनी के विकास की क्षमता एवं संभावना दिखती है तो आगे बढिए और डी वी आर खरीदिये। और नहीं तो कम से कम आप ज्यादा लाभांश तो कमा ही सकेंगे।