म्यूचुअल फंड के KYC फॉर्म में परिवर्तन, भरते वक्त रखें सावधानी
म्यूचुअल फंड में Know Your Customer (KYC) फॉर्म भरना बहुत जरूरी होता है। इस फॉर्म में परिवर्तन किया गया है और इस फॉर्म को भरकर आपको अपने बारे में निजी जानकारियां कंपनी को देनी होती हैं। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के निर्देशानुसार स्कीम लेते वक्त आपको अपनी आय का विवरण देना जरूरी होता है।
दिसंबर 2013 में सेबी के निर्देश पर इस फॉर्म में थोड़ा परिवर्तन किया गया है। पहले विवरण जैसे नाम, पता, वार्षिक आय, कुल संपत्ति का मूल्य, क्या आप राजनीति से जुड़े हुए हैं, आदि केवाईसी में ही भरना होता था। इसकी वजह से फॉर्म बहुत लंबा हो गया था और केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी आपका केवाईसी फॉर्म अपने पास रख लेती थी।
सेबी को लगा कि केवाईसी में अब परिवर्तन की जरूरत है। नये नियम के अंतर्गत अब यह जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड लेते वक्त आप अपनी आय का विवरण लिखें। आप राजनीति से ताल्लुक रखते हैं, यह भी लिखना जरूरी नहीं।
लेकिन हां म्यूचुअल फंड कंपनी में जमा होने वाली केवाईसी में आपको अपनी वार्षिक आय किस स्लैब में आती है यह जरूर बताना होगा, क्योंकि कंपनी को यह जानकारी फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट को नियमित रूप से देनी होती है। फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट आपके द्वारा दिये गये विवरण के आधार पर अध्ययन करती है और संबंधित क्षेत्र में सुधार के बारे में सुझाव देती है। वह जानकारी तब भी काम आती है, जब कोई वित्तीय जांच करनी होती है।
इसलिये आपको केवाईसी फॉर्म दो भागों में भरना होता है। भाग 1 और भाग 2। भाग 1 में मुख्य फॉर्म होता है, जबकि भाग 2 में अन्य विवरण भरे जाते हैं। आय किस स्तर पर है यह भाग 2 में भरना होता है।