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म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिये 9 जरूरी शब्द

By Ajay Mohan
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हो सकता है आपने किसी एजेंट या जानकार की मदद से म्चूचुअल फंड में निवेश कर दिया हो और निवेश करने के बाद उसके दस्तावेज़ में कई ऐसे शब्द हों, जो आपको समझ नहीं आये हों। और अगर आप पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनसे आपका हर रोज़ पाला पड़ेगा, लिहाजा हमारी सलाह यह है कि आपको उन शब्दों जिसे अंग्रेजी में टर्म कहते हैं, जरूर जानने चाहिये।

म्यूचुअल फंड से जुड़े 9 शब्द जो बेहद जरूरी हैं, उनके बारे में स्लाइडर में पढ़ सकते हैं।

NAV क्या है?

NAV क्या है?

मान लीजिये कोई कंपनी एक सार्वजनिक ऑफर निकालती है, जिसमें स्कीम की कीमत निवेश करते वक्त 10 रुपए है। निवेश के मेच्योर होने पर अगर उसकी नेट वेल्यू बढ़ जाती है। तब जिस स्कीम को आपने 10 रुपए में खरीदा था, उसे आपको 11 रुपए, 12, रुपए या अगर घाटा है तो 9 रुपए में बेचना होगा। तब आपके म्यूचुअल फंड की वर्तमान कीमत को नेट ऐसेट वैल्यू यानी NAV कहते हैं।

ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी

ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी

एसेट मैनेजमेंट कंपनी वह कंपनी होती है जो अलग-अलग प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम लेकर बाजार में आती हैं। जैसे रिलायंस ग्रोथ फंड (म्यूचुअल फंड स्कीम) को रिलायंस कैपिटल ऐसेट मैनेजमेंट लिमिटेड ने लॉन्च किया, जो एक एएमसी यानी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी है।

पोर्टफोलियो मैनेजर

पोर्टफोलियो मैनेजर

एक बार अगर आपका पैसा म्यूचुअल फंड स्कीम में चला गया, तब उस धन का प्रबंधन पोर्टफोलियो मैनेजर करते हैं। वे आपके धन को शेयर या फिर बॉन्ड में निवेश करते हैं, यह निवेश आपकी स्कीम कैसी है उस पर निर्भर करता है। अगर स्कीम के नजरिये से देखा जाये तो उनके निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे सिर्फ आपका नहीं, बल्कि आपके जैसे हजारों लोगों के धन का प्रबंधन करता है।

लोड

लोड

लोड एक महत्वपूर्ण शब्द है, जो हर म्यूचुअल फंड निवेशक के सामने आता है। एंट्री लोड और एक्ज‍िट लोड यानी जब आप निवेश कर रहे हैं, उस वक्त पड़ने वाला शुल्क और जब आप स्कीम से बाहर निकल रहे हैं, उस वक्त पड़ने वाला शुल्क। जब आप म्चूचुअल फंड खरीदते हैं तब कई बार आपको एनएवी से ज्यादा पैसा देना पड़ता है। और बेचते वक्त हो सकता है आपको कम एनएवी मिले। हालांकि यह निवेशकों के लिये अच्छा नहीं होता।

पोर्टफोलियो

पोर्टफोलियो

सभी शेयर और निवेश किया गया धन मिलकर पोर्टफोलियो बनता है। तो अगर कोई म्यूचुअल फंड स्कीम रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज ऑटो, आईडीबीआई बैंक और कुछ सरकारी बॉन्ड खरीदते हैं तो ये सभी एकत्र होकर एक पोर्टफोलियो बनते हैं।

एयूएम

एयूएम

पूर्ण धन जो निवेश किया गया है, उस कुल धन को एसेट्स अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम कहते हैं। एयूएम बाजार के वातावरण और निवेशकों के निवेश व धन निकालने की तीव्रता के हिसाब से घटता बढ़ता रहता है।

एसआईपी

एसआईपी

ज्यादातर ओपन एंडेड में आप हर महीने छोटे-छोटे निवेश कर सकते हैं। या फिर तिमाही, छहमाही या सालाना भी। इसे सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) कहते हैं। यह बैंक के आवर्ती जमा की तरह कार्य करता है।

एनएफओ

एनएफओ

न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) म्यूचुअल फंड के नये ऑफर होते हैं जिनकी फेस वैल्यू 10 रुपए होती है।

इंवेस्ट प्योरली इन डेब्ट

इंवेस्ट प्योरली इन डेब्ट

जो निवेशक रिस्क यानी जोख‍िम लेने से डरते हैं और जो लोग नहीं चाहते हैं कि जिस धन को वे म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैा, वह शेयर मार्केट में निवेश नहीं किया जाये, वे इंवेस्ट प्योरली इन डेब्ट के अंतर्गत निवेश कर सकते हैं। उनके लिये कम जोख‍िम वाला इक्व‍िटी म्यूचुअल फंड ज्यादा सही रहता है।

English summary

9 mutual fund terms every mutual fund investor should know

The Indian investor is increasingly looking at mutual funds as an important investment avenue. Here are 9 mutual fund terms that mutual fund scheme investors should know.
Story first published: Friday, November 28, 2014, 16:56 [IST]
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