"बरगद" के पेड़ से भूत की कहानी नहीं BSE की कहानी गढ़ी गई
देश में बरगद के पेड़ का ध्यान आते ही भूत की कहानियों का जिक्र याद आता है। क्योंकि बरगद के पेड़ को भूत की कहानियों से ही जोड़कर देखा जाता रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि बरगद से भूत की कहवतों के अलावा ऐसी बात भी जुड़ी है जो भारत के आर्थिक विकास में मजबूत स्तंभ सिद्ध हुआ है।
बताया जाता है कि बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना का श्रेय जिन चार गुजराती और एक पारसी को जाता है वह अकसर बरगद के पेड़ को ही चर्चा के लिए अपना ठिया बनाते थे। बरगद के पेड़ के नीचे ही चार से पांच लोग मिलकर शेयर बाजार चला रहे थे। वर्ष 1950 के आस-पास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे।
इन ब्रोकर्स की संख्या साल दर साल बढ़ रही थी। सन 1875 इन लोगों ने अपनी एक एसोसिएशन बना लिया था। उस एसोसिएशन का नाम रखा था द नेटिव शेयर एंड स्टॉक एसोसिएशन।
इसके बाद अपने ऑफिस के लिए एक कमरे की जरूरत पड़ने पर दलाल पथ पर एक कमरा भी ले लिया था। इसे ही बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।