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आयकर: जानिए क्‍या है फॉर्म-16

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आयकर: जानिए क्‍या है फॉर्म-16
बैंगलोर। फॉर्म सिक्‍सटीन एक स्‍टेटमेंट होता है जिसे कोई कंपनी अपने कर्मचारी को वर्ष पूरा होने पर जारी करती है। इस पत्र मे कर्मचारी की संपूर्ण आय, टैक्‍स के रूप में हुए डिडक्‍शन, अलाउंस और 80 सी (टैक्‍स से राहत देने और बचत को उत्‍साहित करने के लिए बनी धारा) के तहत दाखिल किये गये प्रमाण का संपूर्ण विवरण होता है।

यह संस्‍था या कंपनी द्वारा तभी जारी किया जाता है जब एक कर्मचारी की आय टैक्‍सेबल इंकम के अन्‍तर्गत आती है। आय से टैक्‍स के रूप में डिडक्‍ट की गई राशि को टीडीएस भी कहते हैं। इसी फार्म से पता चलता है कि कंपनी ने टैक्‍स के रूप में कितना डिडक्‍शन किया है जो कि टैक्‍स रिटर्न भरते वक्‍त काम आता है।

कई बार लोग कंपनी से फॉर्म सिक्‍सटीन न देने के लिए शिकायतें करते हैं। ऐसा होने पर आप आयकर विभाग में इसकी शिकायत कर सकते है क्‍योंकि कई बार ऐसा होता है कि कंपनियां टीडीएस डिडक्‍ट करने के बावजूद आयकर विभाग में इसे जमा नहीं करती हैं। जो कि एक बड़ा अपराध है, कंपनी या संस्‍था जितना कर अपने कर्मचारियों से लेती है उसे उतना आयकर विभाग में डिपॉजिट करना चाहिए।

यह मुख्‍यत: कंपनी और बैंक की ही जिम्‍मेदारी होती है कि वह फॉर्म सिक्‍सटीन कर्मचारियों को जारी करें।

English summary

What is Form sixteen

If your salary exceeds the taxable limit, despite submitting 80C and other proofs, your employer would start deducting you tax at source, also called TDS.
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